नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत के 10 साल पूरे होने के अवसर पर राजधानी स्थित विज्ञान भवन में स्वच्छ भारत दिवस 2024 कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी स्वच्छता से संबंधित 9600 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी
इस दौरान उन्होंने कहा कि विकसित भारत की यात्रा में हमारा हर प्रयास ‘स्वच्छता से संपन्नता’ के मंत्र को मजबूत करेगा। गंदगी के प्रति नफरत ही हमे स्वच्छता के लिए मजबूर कर सकती है और मजबूत भी कर सकती है।
पीएम मोदी ने कहा, “जिस भारत का सपना गांधी जी और देश की महान विभूतियों ने देखा था, वो सपना हम सब मिलकर पूरा करें, आज का दिन हमें ये प्रेरणा देता है। आज 2 अक्टूबर के दिन मैं कर्तव्यबोध से भी भरा हुआ हूं और उतना ही भावुक भी हूं। आज स्वच्छ भारत मिशन की यात्रा 10 साल के मुकाम पर पहुंच चुकी है।”
लोगों की जान बच रही, बच्चियों का स्कूल छोड़ना हुआ कम
“स्वच्छ भारत मिशन की ये यात्रा करोड़ों भारतवासियों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। बीते 10 साल में कोटि-कोटि भारतीयों ने इस मिशन को अपनाया है, अपना मिशन बनाया है, इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया है।
उन्होंने कहा स्वच्छ भारत मिशन से देश के आम जन के जीवन पर जो प्रभाव पड़ा है, वो अनमोल है। हाल ही में एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय जनरल की स्टडी आई है, इस स्टडी को International Food Policy Research Institute, University of California और Ohio State University के वैज्ञानिकों ने मिलकर स्टडी किया है।
इसमें सामने आया है कि स्वच्छ भारत मिशन से हर वर्ष 60 से 70 हजार बच्चों का जीवन बच रहा है। लाखों स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट बनने से ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है। UNICEF की एक और स्टडी के मुताबिक, साफ-सफाई के कारण गांव के परिवार के हर साल औसतन 50 हजार रुपये बच रहे हैं।
पहले आए दिन होने वाली बीमारियों के कारण ये पैसे इलाज पर खर्च होते थे, या काम धंधा न करने के कारण आय खत्म हो जाती थी, क्योंकि बीमारी के कारण लोग काम पर नहीं जा पाते थे। गंदगी के प्रति नफरत ही हमे स्वच्छता के लिए मजबूर कर सकती है, और मजबूत भी कर सकती है।
गांवों से शहरों तक लोगों के सफाई अभियान से जुड़ने की बात कही
उन्होंने कहा, “आज देशभर में स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। लोग अपने गांवों की, शहरों की, मोहल्लों की, चाल की, फ्लैट की और सोसायटी की स्वयं बड़े आग्रह से सफाई कर रहे हैं।”
“बीते पखवाड़े में देशभर में करोड़ों लोगों ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। मुझे जानकारी दी गई है कि ‘सेवा पखवाड़ा’ के 15 दिनों में देशभर में 27 लाख से ज्यादा कार्यक्रम हुए। जिनमें 28 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
निरंतर प्रयास करके ही हम अपने भारत को स्वच्छ बना सकते हैं। मैं प्रत्येक भारतीय का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।” साफ-सफाई करने वालों को सम्मान मिला है, उन्हें गर्व हुआ है
प्रधानमंत्री ने कहा, “स्वच्छता की प्रतिष्ठा बढ़ने से देश में एक बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक परिवर्तन भी हुआ है। पहले साफ-सफाई के काम से जुड़े लोगों को किस नजर से देखा जाता था, हम सब जानते हैं।
स्वच्छ भारत मिशन ने, इस सोच को भी बदल दिया। साफ-सफाई करने वालों को मान-सम्मान मिला, तो उनको भी गर्व हुआ। विकसित भारत की यात्रा में हमारा हर प्रयास ‘स्वच्छता से संपन्नता’ के मंत्र को मजबूत करेगा।”
स्वच्छता से जुड़े 10 हजार करोड़ प्रोजेक्ट के शुरुआत
पीएम ने कहा कि आज के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर स्वच्छता से जुड़े करीब 10 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की भी शुरुआत हुई है। मिशन AMRUT के तहत देश के अनेक शहरों में वॉटर और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे।
नमामि गंगे से जुड़ा काम हो या फिर कचरे से बायोगैस पैदा करने वाले गोबरधन प्लांट, ये काम स्वच्छ भारत मिशन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन जितना सफल होगा, उतना ही हमारा देश ज्यादा चमकेगा।
उन्होंने कहा, “आज से 1 हजार साल बाद भी जब 21वीं सदी के भारत का अध्ययन होगा, तो उसमें स्वच्छ भारत अभियान को जरूर याद किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन इस सदी में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सफल जनभागीदारी, जन नेतृत्व वाले जन आंदोलन है। इस मिशन ने मुझे ईश्वररूपी जनता-जनार्दन की साक्षात ऊर्जा के भी दर्शन कराए हैं।”