वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले की घटना की वैश्विक तौर पर घोर निंदा हो रही है। इससे पूरी दुनिया हैरान है। हमले के वक्त ट्रंप एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए।
अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने इस हमले के बाद पहला इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि मुझे यहां नहीं रहना। मुझे तो मर जाना चाहिए था, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे भगवान ने बचाया।
….गोली मेरी जान भी ले सकती थी
ट्रंप आज सोमवार से शुरू होने वाले रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के लिए मिल्वौकी जाते समय न्यूयॉर्क पोस्ट को इंटरव्यू दे रहे थे। इसमें उन्होंने कहा जब मुझ पर हमला हुआ तब सबसे आश्चर्यजनक यह हुआ कि मैंने न केवल अपना सिर घुमाया, बल्कि बिल्कुल सही समय पर और सही अनुपात में घुमाया वरना जो गोली मेरे कान को छूकर गई, वह आसानी से मेरी जान भी ले सकती थी।
इस दौरान ट्रंप ने अपने दाहिने कान को एक सफेद पट्टी से ढक रखा था। इस दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अस्पताल के डॉक्टर ने भी उनसे कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा। हमले में उनका बचना एक चमत्कार की तरह है। उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि भगवान की कृपा से मैं अभी भी यहां हूं, वरना तो मुझे यहां नहीं होना था।
हमले की ऐतिहासिक तस्वीरों पर भी बोले ट्रंप
इस दौरान रिपब्लिकन नेता ने हमले के दौरान की उन तस्वीरों पर भी बात की जिसमें वे अपनी मुठ्ठी उठाते हुए अपना जोश दिखाते हुए और लोगों से लड़ने की अपील करते दिख रहे हैं। उनमें उनके चेहरे पर खून लगा भी दिखाई देता है।
तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यह अब तक देखी गई सबसे प्रतिष्ठित तस्वीर है। वो एक सच्ची तस्वीर है, मैं नहीं मरा। आमतौर पर आपको एक सच्ची तस्वीर पाने के लिए मरना पड़ता है।
इसलिये की बाइडन की सराहना
ट्रंप ने बताया कि वह गोलीबारी के बाद बोलना जारी रखना चाहते थे लेकिन सीक्रेट सर्विस ने उन्हें अस्पताल जाने पर जोर दिया। इस दौरान ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा हमले के बाद उन्हें फोन करने की सराहना भी की। उन्होंने कहा यह अच्छा था।
ऐसे हुआ ट्रंप पर हमला
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को जानलेवा हमला हुआ। उन पर कुछ ऊंचाई से एक हमलावर ने गोलीबारी की। हालांकि, ट्रंप को कान पर चोट आई और वो बाल-बाल बच गए। फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप खतरे से बाहर हैं।
इस बीच मामले की जांच कर रहे अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने हमलावर की पहचान 20 वर्षीय युवक थॉमस मैथ्यू के रूप में की है। उसे गोलीबारी के तुरंत बाद ही एक स्नाइपर ने मार गिराया। दरअसल, हमलावर थॉमस मैथ्यू ने गोलीबारी के लिए सभास्थल से कुछ ही दूर एक उत्पादन प्लांट को चुना था।
उसने खुद को बटलर ग्राउंड में ट्रंप के संबोधन वाले स्टेज से 130 कदम दूर पोजिशन किया था। मैथ्यू के गोलीबारी करने के तुरंत बाद ही सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने उसे गोली मार दी। बाद में जांच के दौरान हमले वाली जगह से एआर 15-स्टाइल राइफल भी बरामद की गई।
रिपब्लिकन नेता पर हमले में इस्तेमाल हथियार कौन सा है?
सुरक्षा अधिकारियों ने शनिवार को घटनास्थल से जो हथियार ‘एआर 15-स्टाइल’ बरामद किया है वो एक अर्ध-स्वचालित राइफल है। एआर-स्टाइल अमेरिका के सबसे चर्चित और कुख्यात हथियारों में से एक है।
राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन द्वारा एआर-15 राइफल को ‘अमेरिका की राइफल’ कहा गया है। यह पूरी तरह से स्वचालित सैन्य लड़ाकू एम-16 राइफल से मिलती-जुलती है। इसे विकसित करने वाली कंपनी का नाम आर्मलाइट है।
कहा जाता है कि एआर 15 स्टाइल की राइफलें अमेरिकी बाजारों में अक्सर आसानी से खरीदी जा सकती हैं। इसके साथ ही राइफल के साथ इस्तेमाल होने वाले दूसरे उपकरण भी सहज होते हैं जिसके कारण अप्रशिक्षित निशानेबाज भी घातक हमलावर हो सकते हैं।