नई दिल्ली। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय ने वक्फ संशोधन विधेयक को उसके वर्तमान स्वरूप में खारिज कर दिया है। ओवैसी ने दावा किया कि विधेयक का वर्तमान स्वरूप भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक समानता और स्वतंत्रता के अधिकारों की गारंटी देता है।
लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान AIMIM प्रमुख ने कहा,”मैं इस सरकार को सावधान कर रहा हूं और चेतावनी दे रहा हूं- यदि आप वर्तमान स्वरूप में वक्फ विधेयक संसद में लाते हैं और इसे कानून बनाते हैं, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी।”
इसे विधेयक को पूरे मुस्लिम समुदाय ने खारिज कर दिया है। विधेयक का मौजूदा ड्राफ्ट अगर कानून बनता है, तो यह अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन होगा। हम कोई वक्फ संपत्ति नहीं छोड़ेंगे, कुछ भी नहीं छोड़ा जाएगा।
हम मस्जिद का एक इंच नहीं देंगे
ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,”आप विकसित भारत बनाना चाहते हैं, हम भी विकसित भारत चाहते हैं। आप इस देश को 80 और 90 के दशक में वापस ले जाना चाहते हैं।
अगर ऐसा कुछ हुआ तो यह आपकी जिम्मेदारी होगी क्योंकि, एक गौरवान्वित भारतीय मुसलमान के रूप में, हम अपनी मस्जिद का एक इंच भी नहीं खोएंगे। हम अपनी दरगाह का एक इंच भी नहीं खोएंगे। हम इसकी इजाजत नहीं देंगे।
वक्फ हमारे लिए इबादत का एक रूप
उन्होंने आगे कहा कि हम अब यहां आकर कूटनीतिक बातचीत नहीं करेंगे। यह वह सदन है जहां मुझे खड़े होकर ईमानदारी से बोलना है कि मेरे समुदाय के लोग गौरवान्वित भारतीय हैं। यह हमारी संपत्ति है, किसी ने हमें दी नहीं है। आप इसे हमसे नहीं छीन सकते। वक्फ हमारे लिए इबादत का एक रूप है।’
वक्फ कानूनों में संशोधनों से संबंधित विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट को 11 मतों की तुलना में 15 मतों के बहुमत से स्वीकार कर लिया गया। जेपीसी ने लोकसभा सचिवालय को गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
JPC बैठक को लेकर विपक्ष में नाराजगी क्यों?
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि समिति में शामिल भाजपा सदस्यों ने उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया और रिपोर्ट में की गई सिफारिशें संविधान की भावना के अनुरूप नहीं हैं।
सांसदों ने आरोप लगाया है कि उन्हें कल शाम (28 जनवरी) 655 पन्नों की रिपोर्ट मिली और उन्हें इसका अध्ययन करने और सिफारिशें करने का समय ही नहीं मिला। बता दें कि संयुक्त संसदीय समिति ने आज 16-11 बहुमत से मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।