वाराणसी। सुमेरू पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय के प्रवेश पर प्रतिबंध की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय की उपस्थिति सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था को ठेस पहुंचा सकती है।
सभी समुदाय के लिए कुंभ में प्रवेश का समर्थन कर रहे विपक्षी नेताओं की उन्होंने आलोचना की। कहा कि जो कुंभ में मुसलमान को एंट्री दिए जाने की वकालत कर रहे हैं उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि ऐसे नेताओं के बयान, जो देशहित के बजाय उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं, पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि जो लोग कुंभ में मुसलमानों के प्रवेश की वकालत कर रहे हैं, उन्हें पहले मक्का में हिंदुओं की दुकानें खुलने देनी चाहिए और फिर कुंभ में मुसलमानों के प्रवेश की बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब मक्का में हिंदुओं के एंट्री नहीं है तो कुंभ में मुसलमान को क्यों प्रवेश दिया जाए?
नरेंद्रानंद ने कुंभ मेले में संतों के बीच वक्फ बोर्ड को समाप्त करने और सनातन मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने जैसे मुद्दों पर चर्चा की रणनीति की बात कही।
उन्होंने कहा यदि वक्फ बोर्ड को समाप्त नहीं किया जा सकता तो देश में सनातन धर्म के लिए भी एक विशेष बोर्ड का गठन होना चाहिए। उन्होंने आरएसएस की तर्ज पर सनातन हिंदू महासंघ के गठन का प्रस्ताव रखा।