लखनऊ। 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और इंडिया गठबंधने के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। इस कांटे के मुकाबले में विपक्ष को अंततः सत्तारूढ़ गठबंधन से ज्यादा सीटें मिलीं।
हालांकि, राज्य में आम चुनाव के नतीजे खतरे में पड़ सकते हैं क्योंकि इंडिया गठबंधन के छह सांसद कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण उन्हें दो साल से ज्यादा की जेल हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर इंडिया गठबंधन के छह सांसदों को उनके चल रहे आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया जाता है, तो वे अपनी संसद सदस्यता खो देंगे।
इनमें सबसे उल्लेखनीय नाम गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी का है, जो गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। मुख्तार की इस साल की शुरुआत में मौत हो गई थी। सपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में पहले ही चार साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
हालांकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, जिससे उन्हें आम चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई। जुलाई में जब अदालत खुलेगी, तब मामले की सुनवाई होगी। अगर अदालत उनकी सजा बरकरार रखती है, तो वे अपनी संसद सदस्यता खो देंगे।
आजमगढ़ के सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के खिलाफ भी चार आपराधिक मामले लंबित हैं, और अगर उन्हें दो साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो वे भी अपनी लोकसभा की सदस्यता खो देंगे।
इसके अलावा, जौनपुर के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ एनआरएचएम घोटाले से संबंधित 25 मामले दर्ज हैं, जो उस समय हुआ था जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं।
सुल्तानपुर सीट से भाजपा की मेनका गांधी को हराकर जीतने वाले रामभुआल निषाद आठ मामलों में आरोपी हैं, जिनमें से एक गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज है। इसी तरह, वीरेंद्र सिंह (चंदौली से सांसद) और इमरान मसूद (सहारनपुर से सांसद) के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं।
इंडिया गठबंधन के इन सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों में कई तरह के अपराध शामिल हैं, जैसे मनी लॉन्ड्रिंग, धमकी और गैंगस्टर एक्ट की धाराएं, जिसके लिए दो साल से अधिक की जेल हो सकती है।
अतीत में कई सांसदों को आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद संसद की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा है। मोहम्मद आजम खान, खब्बू तिवारी, विक्रम सैनी और अशोक चंदेल इनमें से कुछ नेता थे।
उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने कुल 36 सीटें जीतीं, जिनमें भाजपा ने अकेले 33 सीटें जीतीं। वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से मिलकर बने इंडिया ब्लॉक ने 43 सीटें जीतीं।