पाकिस्तान की गीदड़ भभकी का भारत ने दिया करारा जवाब, अमेरिका के साथ रिश्तों पर भी बोला

5 Min Read
पाकिस्तान की गीदड़ भभकी का भारत ने दिया करारा जवाब, अमेरिका के साथ रिश्तों पर भी बोला

नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के युद्ध भड़काने वाले बयानों और सिंधु जल समझौते को लेकर दिए गए तथाकथित मध्यस्थता न्यायालय (Court of Arbitration) के फैसले को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के बयानों पर उसे लताड़ने के साथ ही भारत-अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा और रणनीतिक साझेदारी की भी बात की। बता दें कि एक तरफ जहां पाकिस्तान की तरफ से लगातार भड़काने वाले बयान दिए जा रहे हैं, वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है।

‘किसी भी दुस्साहस का नतीजा दर्दनाक होगा’

जयसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के नेतृत्व द्वारा भारत के खिलाफ युद्ध भड़काने वाले बयान उनकी पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि यह उनकी नाकामियों को छुपाने की कोशिश है। जायसवाल ने सख्त लहजे में कहा, ‘हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह अपनी बयानबाजी में संयम बरते। किसी भी तरह के दुस्साहस का नतीजा दर्दनाक होगा।’

सिंधु जल समझौते पर भारत का बड़ा बयान

सिंधु जल समझौते को लेकर तथाकथित मध्यस्थता न्यायालय के फैसले को भारत ने पूरी तरह खारिज कर दिया। जयसवाल ने कहा, ‘भारत ने इस तथाकथित कोर्ट की वैधता, अधिकारिता या सक्षमता को कभी स्वीकार नहीं किया। इसके फैसले का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह भारत के जल उपयोग के अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं डालता।’ उन्होंने यह भी दोहराया कि 27 जून 2025 को भारत सरकार ने एक संप्रभु निर्णय के तहत इस संधि को सस्पेंड कर दिया था। यह फैसला पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा-पार आतंकवाद, खासकर पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया था।

भारत-अमेरिका के बीच मजबूत साझेदारी पर जोर

विदेश मंत्रालय ने भारत और अमेरिका के बीच गहरे रणनीतिक रिश्तों पर भी प्रकाश डाला। जयसवाल ने कहा, ‘भारत और अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-जन के रिश्तों पर टिकी है। यह रिश्ता कई बदलावों और चुनौतियों से गुजरा है, लेकिन हमारा फोकस आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित रिश्ते को आगे बढ़ाने पर है।’

अलास्का में होगा भारत-अमेरिका का संयुक्त सैन्याभ्यास

भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए इस महीने कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। जयसवाल ने बताया कि अगस्त के मध्य में अमेरिका की एक डिफेंस पॉलिसी टीम भारत का दौरा करेगी। इसके अलावा, 21वां संयुक्त सैन्य अभ्यास इस महीने अलास्का में होगा। दोनों देश इस महीने के अंत में 2+2 इंटरसेशनल मीटिंग भी आयोजित करने जा रहे हैं। जयसवाल ने कहा, ‘रक्षा सहयोग हमारे द्विपक्षीय रिश्तों का एक अहम स्तंभ है, जो सभी क्षेत्रों में मजबूत हुआ है।’

PM मोदी की UNGA यात्रा पर अभी फैसला नहीं

विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की UNGA की यात्रा पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं, मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत BRICS समूह का सक्रिय सदस्य है और साझा हितों के मुद्दों पर अन्य सदस्य देशों के साथ निरंतर संपर्क में है। वैकल्पिक मुद्रा और डी-डॉलराइजेशन पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत के वित्तीय एजेंडे का हिस्सा नहीं है। भारत-चीन सीमा व्यापार पर जयसवाल ने बताया कि भारत, चीन के साथ मिलकर उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे, हिमाचल प्रदेश के शिपकी ला दर्रे और सिक्किम के नाथु ला दर्रे के माध्यम से व्यापार फिर से शुरू करने के लिए बातचीत कर रहा है।

Share This Article
Leave a Comment

Please Login to Comment.

Exit mobile version