पति की मौत के बाद पाई-पाई को मोहताज हुआ परिवार, पत्नी ने सरकार से मांगी आर्थिक मदद; जानें पूरा मामला

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पति की मौत के बाद पाई-पाई को मोहताज हुआ परिवार, पत्नी ने सरकार से मांगी आर्थिक मदद; जानें पूरा मामला

झारखंड के गिरिडीह जिले की रहने वाली सुमति देवी (35) ने उत्तर प्रदेश में मृत अपने पति सीताराम यादव (38) के लिए सरकारी मुआवजे की मांग की है। आर्थिक रूप से कमजोर सुमति देवी ने राज्य सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि उन्हें आगरा जाकर जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए यात्रा का इंतजाम कराया जाए।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सीताराम यादव एक महीने पहले राजस्थान में काम की तलाश में अपने घर से निकले थे, पांच अगस्त को आगरा में एक ट्रेन में बेहोशी की हालत में पाए गए थे। राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) उन्हें अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आगरा पुलिस ने यादव के पास मिले दस्तावेजों के आधार पर उनके परिवार से संपर्क किया, लेकिन परिवार शुरुआत में शव की पहचान नहीं कर सका, क्योंकि उन्हें लगा कि सीताराम राजस्थान में होंगे।

बाद में जब परिवार को शव के हाथ पर बने टैटू से पहचान हुई, तब तक आगरा पुलिस ने शव को अज्ञात मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था, क्योंकि परिवार समय पर पहचान साबित करने वाले दस्तावेज नहीं भेज सका था।

आगरा जाने के लिए पत्नी के पास पैसे नहीं

सुमति देवी के अनुसार, उनका परिवार बहुत गरीब है और उनके पास आगरा जाने के लिए पैसे नहीं हैं। शव की अनुपस्थिति में परिवार ने रीति-रिवाजों के अनुसार उनके पति का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया। सीताराम यादव परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे और तीन बच्चों की मां सुमति देवी के सामने अब गुजारा करने का संकट आ गया है। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में सरकार ही उनकी एकमात्र उम्मीद है।

क्या है मुआवजे का प्रावधान?

रांची में राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी के अनुसार, सरकार द्वारा अपंजीकृत प्रवासी श्रमिकों के लिए 1.5 लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान है। इसमें शव को लाने के लिए 50,000 रुपये शामिल होते हैं। चूंकि सीताराम का अंतिम संस्कार हो चुका है, इसलिए सुमति देवी 1 लाख रुपये के मुआवजे का दावा कर सकती हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें आगरा में FIR दर्ज करानी होगी और पहचान के वैध दस्तावेज पेश करने होंगे।

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