मॉस्को। यूक्रेन के प्रेसीडेंट वोलोडिमीर जेलेंस्की की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ हुई तीखी बहस पर रूस ने प्रतिक्रिया दी है। रूस का कहना है कि जेलेंस्की का बर्ताव बिल्कुल ठीक नहीं था और उनके खराब रवैये के बावजूद ट्रंप ने संयम दिखाया है।
ट्रंप और वेंस ने दिखाया संयम
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि ट्रंप और वेंस ने जेलेंस्की पर हाथ ना उठाकर बहुत ज्यादा संयम दिखाया है। रूस से युद्ध और खनिज डील के मुद्दे पर अमेरिका गए जेलेंस्की का शुक्रवार को ओवल ऑफिस में अमेरिकी नेताओं के साथ विवाद हुआ है।
रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने टेलीग्राम पर लिखा, ‘मुझे लगता है कि जेलेंस्की का सबसे बड़ा झूठ यह था कि 2022 में यूक्रेन अकेला था, उसको किसी का समर्थन नहीं था।
जेलेंस्की ने एक के बाद एक झूठ बोला और बदमाशी की। मुझे हैरत है कि ट्रंप और वेंस ने उनको मारा कैसे नहीं, इतना संयम दिखाना एक चमत्कार है।’
‘ये घटना एक अहम मोड’
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के प्रमुख किरिल दिमित्रीव ने ट्रंप और जेलेंस्की के बीच बहस को पूरे घटनाक्रम के लिए महत्वपूर्ण बताया है। दिमित्रीव 18 फरवरी को सऊदी अरब में हुई रूसी-अमेरिकी वार्ता में भी शामिल थे। यह 2022 में यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से इस तरह की पहली बैठक थी।
रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख और पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि जेलेंस्की को वाइट हाउस से वापस भेज दिए जाने को अहम बताया। अमेरिका और यूक्रेन के नेताओं के बीच ये गर्मागर्मी वैश्विक राजनीति के लिहाज से खास है क्योंकि रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका ही यूक्रेन का सबसे बड़ा मददगार रहा है।
यूक्रेन का जंग में टिकना मुश्किल
यूक्रेन को अगर अमेरिका से मदद नहीं मिलती है तो उसके लिए इस जंग में टिकना मुश्किल हो जाएगा। ट्रप और वेंस ने जिस तरह से जेलेंस्की को अमेरिकी समर्थन का आभारी ना होने पर डांटा है, उससे साफ है कि चीजें आने वाले समय में और खराब हो सकती हैं।
ये है पूरा घटनाक्रम
ये पूरा घटनाक्रम शुक्रवार को हुआ, जब जेलेंस्की अमेरिकी सहायता के लिए ओवल ऑफिस में ट्रंप और वेंस से मिले। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के तीन साल बाद जेलेंस्की अमेरिका से और समर्थन की मांग कर रहे थे।
ये बैठक जल्दी ही तीखी बहस में बदल गई, जब जेलेंस्की ने उपराष्ट्रपति वेंस के साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजनयिक रुख पर चर्चा करने की कोशिश की।