बदायूं के ऐतिहासिक ककोड़ा मेले में अपनी रंगत में आ गया है। गंगा किनारे तंबुओं का नगर बस गया है। आस्था और उल्लास का संगम देखने को मिल रहा है। सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। मेले में महिला क्रिकेट टीम की जीत पर यहां श्रद्धालुओं ने तिरंगा लहराकर जश्न मनाया। रुहेलखंड की धार्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक ककोड़ा गंगा मेला, जिसे मिनी कुंभ के नाम से भी जाना जाता है। बदायूं के कादरचौक में गंगा तट पर पूरा मेला परिसर श्रद्धा और उत्साह से सराबोर है। सोमवार रात से ही श्रद्धालुओं का सैलाब गंगा तट पर उमड़ पड़ा। मंगलवार को केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे। उनके साथ भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य सहित जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और राजनीतिक लोग मौजूद रहेंगे।
मंगलवार को दोपहर तीन बजे सरकारी प्रदर्शनी का शुभारंभ होगा। इसके बाद शाम पांच बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम, छह बजे कठपुतली नृत्य और रात सात बजे काला जादू प्रदर्शन का आयोजन होगा। मुख्य गंगा स्नान कार्तिक पूर्णिमा पर पांच नवंबर को है, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
मेला परिसर में छाई रौनक
गंगा तट पर तंबुओं का नगर बस चुका है। कुर्मियान बस्ती पूरी तरह आबाद हो चुकी है। गंगा किनारे लगी दुकानों, झूलों और मीना बाजार में रौनक देखते ही बनती है। महिलाओं और बच्चों ने पूरे दिन खरीदारी, झूलों और पकवानों का आनंद लिया। देवोत्थानी एकादशी पर श्रद्धालुओं ने सुबह गंगा स्नान कर साधु-संतों को खिचड़ी दान दी और कई स्थानों पर खिचड़ी भोज और भंडारे आयोजित किए गए। मधुसूदनार्य आश्रम में तीन दिवसीय भागवत कथा और यज्ञ का शुभारंभ भी हुआ।
सुरक्षा और मोबाइल नेटवर्क की चुनौती
गंगा में जलस्तर कम होने से श्रद्धालु उस पार जाकर स्नान कर रहे हैं, जो प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। कटरी क्षेत्र में कोई ठोस सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं गंगा में पांच मोटरबोटें सुसज्जित की गईं हैं, जिनसे श्रद्धालु नौकाविहार कर रहे हैं। इसी बीच, मेले में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं ठप हो चुकी हैं। श्रद्धालुओं को कॉलिंग और संचार में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अब तक पोर्टेबल मोबाइल टावर नहीं लगाए जा सके हैं।
महिला क्रिकेट टीम की विजय पर ककोड़ा में जश्न
मिनी कुंभ ककोड़ा मेले में इस बार धार्मिक आस्था के साथ-साथ देशभक्ति और महिला सशक्तिकरण की भावना भी नजर आई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विश्व कप में ऐतिहासिक जीत की खुशी में मेले में विजय उत्सव मनाया गया। गंगा तट पर महिलाओं और युवतियों ने तिरंगा लहराकर टीम इंडिया की बेटियों को बधाई दी। उन्होंने ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाए, जिससे वातावरण देशभक्ति से गूंज उठा। मोनिका वर्मा, मुस्कान, नीतू, नूतन, कंचन और कीर्ति ने कहा, “हमारी बेटियों ने साबित किया है कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। यह जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि देश की नारी शक्ति का प्रतीक है।
गंगा की धारा के साथ बदल गया मेला का स्वरूप
मेला ककोड़ा देवी मंदिर के पास ही सदियों तक आयोजित होता रहा। समय के साथ गंगा की धारा लगातार आगे की ओर बढ़ती गई। कभी एक-दो किलोमीटर की दूरी तक, तो अब लगभग 15 से 18 किलोमीटर दूर जा चुकी है। इसी कारण अब मेला गंगा के किनारे काफी दूर लगने लगा है, लेकिन श्रद्धा और परंपरा के रूप में इसका केंद्र आज भी ककोड़ा देवी मंदिर ही बना हुआ है। यह मेला न केवल बदायूं जनपद की धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह उस परंपरा और संघर्ष की मिसाल भी है जो अपनी जड़ों को बचाने के लिए गंगा से लेकर हाईकोर्ट तक लड़ी गई।

