मुंबई। कंगना रनौत और गीतकार जावेद अख्तर के बीच का विवाद एक बार फिर गरमा गया है। कई बार कोर्ट में पेशी के आदेश के बावजूद एक्ट्रेस ने एक बार भी हाजिरी दर्ज नहीं कराई।
अब मामले पर मुंबई कोर्ट ने मंडी सांसद को एक आखिरी चेतावनी दी है। अब अगर वो कोर्ट में पेश नहीं होती हैं तो कोर्ट उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर सकता है। फिलहाल इस पर कंगना की तरफ से कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है।
क्यों हुई NBW की मांग?
अभिनेत्री व सांसद कंगना रनौत मंगलवार को मुंबई के बांद्रा कोर्ट में हाजिर होना था। जावेद अख्तर और उनके बीच लंबे समय से चल रही कानूनी लड़ाई को खत्म करने के लिए उनका कोर्ट में मौजूद होना जरुरी था।
रिपोर्ट के अनुसार, एक्ट्रेस की तरफ से कहा गया कि संसद में उपस्थित होने के कारण वो कोर्ट नहीं आ सकीं। इस पर अख्तर की ओर से पेश अधिवक्ता जय भारद्वाज ने उनके खिलाफ NBW जारी करने की मांग कर दी है। उन्होंने इसको लेकर एक आवेदन दर्ज कराया है।
भारद्वाज ने बताया कि रनौत केस की जरूरी तारीखों पर अनुपस्थित रहीं, जो लगभग 40 तारीख हैं, जिन पर उन्हें अदालत में मौजूद होना था। बता दें कि दिसंबर 2024 में रनौत और अख्तर दोनों ने मामले में मध्यस्थता करने का फैसला किया था। हालांकि, अभी तक कोर्ट किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है।
साल 2016 का है पूरा मामला
बता दें ये मुद्दा काफी पुराना है। ये बहस साल 2016 में जावेद अख्तर के घर पर हुई एक बैठक से शुरू हुई थी। उस वक्त कंगना रनौत और अभिनेता ऋतिक रोशन ईमेल से जुड़े मामले को लेकर सुर्खियों में थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऋतिक रोशन के करीबी अख्तर ने रनौत के साथ बैठकर इस मामले को खत्म करने का हाथ बढ़ाया था।