वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने काशीवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “काशी के हमरे परिवार के लोगन के हमार प्रणाम। आप सब लोग यहां हमें आपन आशीर्वाद देला। हम ए प्रेम क कर्जदार हईं। काशी हमार हौ, हम काशी क हईं”।
प्रधानमंत्री ने 70 वर्ष से अधिक आयु के तीन वरिष्ठ नागरिकों- दिनेश कुमार रावत, राजीव प्रसाद और दुर्गावती देवी को आयुष्मान वय वंदना कार्ड प्रदान किया। इसके अलावा, उन्होंने रमेश कुमार को बनारसी शहनाई और लखीमपुर खीरी की छिती को थारु इंब्रायडरी का जीआई प्रमाण पत्र प्रदान किया।
आयुष्मान वय वंदना कार्ड का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ और किफायती बनाना है।प्रधानमंत्री ने बनास डेयरी की ओर से प्रदेश के 2.70 लाख दुग्ध उत्पादकों को 106 करोड़ रुपये का बोनस ऑनलाइन जारी किया।
हनुमत जयंती और महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती की दी बधाई
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने हनुमत जयंती की बधाई देते हुए कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य है कि उन्हें इस मौके पर काशी आने का अवसर मिला। उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं के आत्मविश्वास के लिए कार्य किया और आज उनके संकल्पों को आगे बढ़ाया जा रहा है।
काशी के विकास पर डाला प्रकाश
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी ने अपनी विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में मजबूत कदम रखे हैं। आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं, बल्कि प्रगतिशील भी है।
उन्होंने कहा कि काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है और इन परियोजनाओं से पूर्वांचल के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। पीएम मोदी ने लखपति दीदी का उल्लेख किया। कहा, जहां पहले गुजारे की चिंता थी, आज कदम खुशहाली की ओर बढ़ रहे हैं।
यह तरक्की बनारस, यूपी के साथ पूरे देश में दिख रही। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। दस साल में 75 प्रतिशत वृद्धि हुई है। यह सफलता एक दिन में नहीं मिली। पीएम ने कहा कि बीते दस साल में हम डेरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं।
पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी। लोन की सीमा बढ़ाई। सब्सिडी व्यवस्था की। खुरपका, मुंहपका आदि से पशुधन बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
दुग्ध का संगठित कलेक्शन के लिए देश के 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया है। इसमें लाखों नए सदस्य जोड़े गए हैं ताकि डेरी सेक्टर से जुड़े लोगों को एक साथ जोड़ कर आगे बढ़ाया जा सके।