नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के मामलों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई कहे जाने जैसी बातों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तो फिर ईडी के 97 फीसदी से ज्यादा मामले गैर-राजनीतिक लोगों पर न दर्ज होते।
हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा, ‘ईडी के पास भ्रष्टाचार के जितने मामले हैं, उनमें से केवल तीन फीसदी ही राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के हैं। बाकी 97% मामले अधिकारियों और अन्य अपराधियों से संबंधित हैं। इनके विरुद्ध भी कार्रवाई हो रही है। जिन लोगों को भ्रष्ट व्यवस्था में फायदा दिखता है, वो लोगों के सामने गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं।’
PM ने कहा ED ने कई भ्रष्ट अफसरों को भी गिरफ्तार किया है। भ्रष्ट नौकरशाहों, आतंकी फंडिंग से जुड़े अपराधियों, मादक पदार्थों के तस्करों की भी हजारों करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है।
यही नहीं पीएम मोदी ने कहा कि आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी और हम रुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने इस मामले में विस्तार से बात करते हुए कहा, ‘2014 से पहले ईडी ने सिर्फ पांच हजार करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी, जबकि पिछले 10 वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच हुई।’
2014 से पहले ईडी ने जब्त किया था सिर्फ 34 लाख कैश, अब 2200 करोड़
पीएम ने कहा, ‘2014 से पहले ईडी ने सिर्फ 34 लाख रुपये कैश जब्त किए थे। हमारी सरकार में यह आंकड़ा 2200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस पैसे को गरीब कल्याण की योजनाओं में लगाया जाता तो कितने लोगों को लाभ होता। युवाओं के लिए कितने अवसर तैयार हो सकते थे।
बुनियादी ढांचे की कई नई परियोजनाएं तैयार हो जातीं। भ्रष्टाचार चाहे जिस स्तर का हो, उसकी मार देश के लोगों पर ही पड़ती है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हूं। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं।
‘गरीबों का पैसा बिचौलियों के हाथ में नहीं जाने दिया’
उन्होंने कहा कि अब ये जो नैरेटिव आपके सुनने में आया है कि सिर्फ राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, ये वो लोग चला रहे हैं जिन पर जांच की तलवार लटकी है। मैं आपको एक और तथ्य बताता हूं, जिसकी ज्यादा चर्चा नहीं होती।
उन्होंने कहा कि हमने हमने गरीबों का पैसा बिचौलियों की जेब में जाने से बचाने के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना लागू की। आज इस वजह से 10 करोड़ से ज्यादा फर्जी नाम और ऐसे लाभार्थी जो पैदा भी नहीं हुए थे, वो कागजों से हटे हैं। ऐसा करके सरकार ने पौने तीन लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचाए।