नई दिल्ली। फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा सुर्खियों में बने हुए हैं। चेक बाउंस मामले में अब उनकी मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। उन्होंने अदालत में जमानत याचिका के साथ सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। इस मामले में कोर्ट की ओर से फिल्ममेकर को बड़ा झटका दिया गया है।
राम गोपाल वर्मा को सुनाई गई थी जेल की सजा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राम गोपाल वर्मा की मुश्किलें इस मामले में 21 जनवरी को बढ़ी थीं। दरअसल, इस दिन अंधेरी के न्यायिक मजिस्ट्रेट वाईपी पुजारी ने वर्मा को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत मामले में दोषी ठहराया था।
इतना ही नहीं, मजिस्ट्रेट की ओर से वर्मा को तीन महीने की जेल और शिकायतकर्ता को 3 लाख 72 हजार 219 रुपये देने का आदेश तीन माह के अंदर दिया था।
फिल्ममेकर के खिलाफ जारी हुआ गैर-जमानती वारंट
मुंबई की एक कोर्ट ने राम गोपाल वर्मा की जेल की सजा निलंबित करने की याचिका पर सुनवाई की। अदालत की ओर से उनकी याचिका खारिज कर दी गई है। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) भी जारी कर दिया गया है।
बता दें कि फिल्म निर्माता की ओर से वकील दुरेंद्र के. एच. शर्मा ने कोर्ट में आवेदन किया था। इसमें पहली याचिका जमानत के लिए और दूसरी सजा पर रोक लगाने के लिए थी। हालांकि, राम गोपाल वर्मा की गैर मौजूदगी के कारण अदालत की ओर से दोनों आवेदनों को खारिज कर दिया गया।
कोर्ट की ओर से इस बात को साफ कर दिया गया है कि जब तक वर्मा मामले में सजा पूरी नहीं करते हैं, तब तक उन्हें इस मामले में कोई राहत नहीं दी जा सकती है।
क्या है पूरा मामला?
फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा का नाम चेक बाउंस मामले के कारण सुर्खियों में बना हुआ है। बता दें कि साल 2018 की बात है, जब एक कंपनी ने वर्मा की फर्म के खिलाफ चेक बाउंस की शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायतकर्ता की ओर से राजेश कुमार पटेल ने मजिस्ट्रेट अदालत में हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि कंपनी कई वर्षों से हार्ड डिस्क प्रदान करने के व्यवसाय में थी। इस मामले में ही कोर्ट ने कार्रवाई की और अब फिल्म निर्माता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है।