कासगंज। उप्र के कासगंज जिले में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा में गली शिवालय निवासी चंदन गुप्ता की मुस्लिम युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले को लेकर नगर में कई दिनों तक तोड़फोड़ और आगजनी हुई।
कल गुरुवार 2 जनवरी 2025 को लखनऊ कोर्ट ने 28 लोगों को दोषी करार दिया, जबकि दो को सबूत के अभाव में बरी किया गया है। लखनऊ में कोर्ट ने सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
सजा की जानकारी मिलते ही चंदन का परिवार भावुक हो गया। चंदन की मां संगीता का कहना है कि न्याय तो मिला, लेकिन सजा में थोड़ी कसक रह गई। बेटे को जिन्होंने गोली मारी उन्हें फांसी पर लटकाया जाना चाहिए था।
वहीं पिता सुशील गुप्ता ने न्यायालय के फैसले पर संतुष्टि जताई। कोर्ट के फैसले को लेकर नगर में सुबह से पुलिस बल की तैनाती रही। चंदन के घर के घर पर भीड़ जुटी थी। बेटे के हत्यारों को आजीवन कारावास कि सजा सुनाए जाने के बाद चंदन की मां ने घर की छत पर तिरंगा लहराया।
देश भक्त था बेटा
सुशील गुप्ता ने बताया कि बेटे देशभक्त था। हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी मुंह पर झंडा बनवाता था। बाइक पर तिरंगा लगाकर दोस्तों के साथ रैली भी निकालता था, लेकिन ये लोग मुस्लिम बस्ती की तरफ नहीं जाते थे।
वर्ष 2018 में 26 जनवरी से एक दिन पहले ही चंदन के दोस्तों ने तय किया कि इस बार यात्रा मुस्लिम बस्ती से होकर भी निकालेंगे। 25 जनवरी को चंदन बड़ा तिरंगा लाया और मोटरसाइकिल पर बांध लिया। सुबह नौ बजे ही वह घर से मोटरसाइकिल से निकल गया। तब किसी को नहीं पता था कि चंदन अब लौट कर ही नहीं आएगा।
राजकीय कन्या विद्यालय के सामने चंदन को मार दी गोली
दोपहर को जानकारी मिली की तहसील रोड़ स्थित राजकीय कन्या विद्यालय के सामने चंदन को गोली मार दी है। कुछ ही देर बाद उनकी मृत्यु की सूचना मिल गई। इस खबर ने उनके होश ही उड़ा दिए।
उनकी पत्नी को पता चला तो वह सुदबुध खो बैंठी । घर में चीख पुकार मच गई। कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करें। जैसे तैसे संभले तब तक मामला न्यायालय में जा चुका था। अब न्याय के लिए पैरवी भी करनी थी। इसके लिए बड़े बेटे विवेक की नौकरी छुड़वा दी।
कासगंज, एटा फिर लखनऊ तक न्यायालय के चक्कर काटे। बस एक ही मकसद था कि चंदन के हत्यारों को सजा मिले। इसमें कई विघ्न भी आए पर भगवान और न्यायपालिका पर से भरोसा नहीं टूटा। न्याय मिलने में देर जरूर हुई पर न्याय मिला।