लखनऊ। लखनऊ के गोमतीनगर में सहारा ग्रुप से वापस ली गई 75 एकड़ जमीन पर एलडीए ‘बायो-डायवर्सिटी पार्क’ बनवाएगा। शहर के पहले बायो-डायवर्सिटी पार्क में पक्षियों करने के लिए विभिन्न जोन में नेचुरल वेट लैंड भी तैयार कराया जाएगा। इसके साथ ही गहराई वाले स्थान पर तालाब बनाकर लोटस पार्क बनवाया जाएगा।
LDA के VC प्रथमेश कुमार ने जमीन का निरीक्षण करने के साथ ही बायो-डायवर्सिटी पार्क की रूपरेखा तैयार की है। वीसी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रॉजेक्ट की DPR तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं। वीसी के अनुसार सहारा को ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए जमीन दी गई थी।
इसलिए ग्रीन बेल्ट विकसित नहीं होने पर वापस ले ली गई है। अतिक्रमण हटवाने के साथ ही सफाई करवाई जाएगी। इसके बाद दिल्ली के यमुना बायो-डायवर्सिटी पार्क की तर्ज पर गोमती बायो-डायवर्सिटी पार्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार से सर्वे शुरू होगा।
वीसी ने बताया कि गोमती नदी के बेसिन में पाए जाने वाले पौधों की विभिन्न प्रजातियां, जो वर्तमान में विलुप्त होने के कगार पर हैं, उन्हें पार्क के वेट लैंड में लगाकर संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा पक्षियों को आकर्षित करने के लिए वेट लैंड के आसपास घास एवं झाड़ियों के साथ ही छायादार पेड़ लगवाए जाएंगे।
क्यों खास है बायो-डायवर्सिटी पार्क?
बायो-डायवर्सिटी पार्क पक्षियों के प्राकृतिक निवास के लिहाज से बनता है। इसमें पक्षियों को हर मौसम में पर्याप्त भोजन उपलब्ध करवाने के लिए फलदार पेड़ लगवाने के साथ ही मेडिसिनल व बटरफ्लाई गार्डन भी होगा। पार्क रिजर्व फॉरेस्ट के रूप में संरक्षित किया जाएगा।
इसके तहत एक नेचुरल इंटरप्रिटेशन सेंटर (NIC) बनाया जाएगा। पार्क घूमने आने वाले छात्र-छात्राओं को पौधों, पक्षियों, जीव-जंतुओं एवं कीट-पतंगों की जानकारी देते हुए जैव विविधता से रूबरू करवाया जाएगा। इससे पार्क ईको-टूरिज्म के साथ ही शैक्षिक दृष्टि से भी अहम साबित होगा।