महाकुंभ नगर। प्रयागराज महाकुंभ 2025 मे भीड़ से बिगड़े हालात देखकर संगम स्टेशन 14 फरवरी तक बंद कर दिया गया है। रविवार दोपहर तस्वीर यह हो गई थी कि संगम स्टेशन पर बढ़ती भीड़ देख कंट्रोल रूम में गुहार लगाई गई।
कहा गया कि स्टेशन से यात्री बाहर नहीं निकल जा रहे हैं…स्टेशन बंद करना पड़ेगा, बहुत अधिक भीड़ आ रही है। संगम स्टेशन के लाइव फुटेज कई स्क्रीन पर चला दिए गए। नागवासुकि मार्ग तो पूरी तरह से जाम था।
दारागंज के अंदर की मोहल्ले की सड़कें भी भीड़ से भर गई थी। संगम स्टेशन से पुराने पुल के नीचे जाने वाले मार्ग पर भीड़ की टकराहट होने लगी थी। निर्णय हुआ कि स्टेशन को बंद कर दिया जाए। जो यात्री आएं, उन्हें प्रयागराज जंक्शन, फाफामऊ, प्रयाग स्टेशन भेजा जाए।
दोपहर के लगभग डेढ़ बजे स्टेशन बंद कर दिया गया। उधर, रविवार को जब संगम स्टेशन बंद किया गया तो अफवाह उड़ी कि प्रयागराज जंक्शन बंद कर दिया गया है। हालांकि उद्घोषणा यंत्रों से सूचनाएं प्रसारित होती रही, जिससे अफवाह को समय रहते ही दबा दिया गया।
रविवार को भीड़ अपार, संख्या डेढ़ करोड़ पार
माघ माह की द्वादशी तिथि पर पर चंद्रमा के मिथुन राशि में होने के शुभ संयोग में रविवार को संगम तट पर अपार भीड़ जुटी। भोर से लेकर रात तक स्नानार्थियों का तांता लगा रहा। दिन भर लगभग एक करोड़ 57 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
अब तक कुल 43.57 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। सरकार का अब अनुमान है कि पूरे महाकुंभ में 55 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। अमृत स्नान पर्वों के बाद भी संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ तीर्थराज आ रही है।
महाकुंभ में रविवार को भी लगातार श्रद्धालुओं का जामवाड़ा लगा रहा। संगम घाट से लेकर पूरे मेला क्षेत्र में तिल रखने तक की जगह नहीं है।
भीड़ के कारण बंद किए गए पीपा पुल
शनिवार को वीकेंड पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ संगम पर उमड़ी थी। भीड़ के कारण पीपा पुलों को बंद करना पड़ा था। रविवार को भी कुछ ऐसी ही भीड़ रही। शनिवार को 1.22 करोड़ लोगों ने तो रविवार को यह संख्या 1.57 करोड़ पहुंच गई।
भोर में तीन बजे स्नान शुरू हुआ तो निरंतर क्रम जारी रहा। रात में आठ बजे तक स्नान चला। महाकुंभ के प्रमुख मार्गों पर रेला उमड़ा था। दिन में तो सभी मार्ग पैक हो गए थे।