नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) संसदीय दल ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना। भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भाजपा के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा।
इसके बाद वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह, नितिन गडकरी और राजग के साथी तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, जदयू के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
इस दौरान कार्यवाहक पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि जो साथ विजय होकर आए हैं, वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया है, उन लोगों ने न दिन देखा, न रात देखी।
इतनी भयंकर गर्मी में हर दल के कार्यकर्ता ने जो पुरुषार्थ, परिश्रम किया है, मैं आज संविधान सदन से उन्हें सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं। साथियों मेरा बहुत सौभाग्य है कि एनडीए के नेता के रूप में आप सब साथियों ने सर्वसम्मति से चुनकर मुझे नया दायित्व दिया है। इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
सांसदों-सहयोगियों के लिए कहा, जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है
उन्होंने कहा, ”व्यक्तिगत जीवन में मुझे जवाबदारी का एहसास करता हूं। 2019 में जब आप सभी ने मुझे नेता के रूप में चुना था, तब मैंने एक बात पर बल दिया था- विश्वास। आज जब आप मुझे फिर से एक बार ये दायित्व दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमारे बीच विश्वास का सेतु बहुत मजबूत है। अटूट रिश्ता विश्वास के मजबूत धरातल पर है। ये पल भावुक करने वाला भी है। आप सबके प्रति जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है।”
एनडीए के लिए कहा- महान लोकतंत्र की ताकत देखिए
पीएम मोदी ने कहा, ”बहुत कम लोग इन बातों की चर्चा करते हैं, उन्हें शायद सूट नहीं करता होगा। इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए। एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनवाकर सेवा का मौका दिया है।
हमारा गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की असली आत्मा, भारत की जड़ों में जो रचा-बसा है, उसका प्रतिबिंब है। हमारे देश में 10 ऐसे राज्य हैं, जहां आदिवासी बंधुओं की संख्या प्रभावी रूप से है, निर्णायक रूप से है।
जहां आदिवासियों की आबादी ज्यादा है, ऐसे 10 राज्यों में से सात में एनडीए सेवा कर रहा है। हम सर्वधर्म समभाव वाले संविधान को समर्पित हैं। गोवा हो, पूर्वोत्तर हो, जहां बहुत बड़ी मात्रा में ईसाई भाई-बहन रहते हैं, उन राज्यों में भी एनडीए के रूप में हमें सेवा का अवसर मिला है।”
‘देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी’
पीएम मोदी ने कहा, ”हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास में और गठबंधन की राजनीति के इतिहास में चुनाव पूर्व गठबंधन इतना कभी मजबूत नहीं हुआ, जितना एनडीए हुआ है। यह गठबंधन की जीत है। हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं। सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लोकतंत्र का वही एक सिद्धांत है। देश चलाने के लिए सर्वमत बहुत जरूरी होता है।
मैं आज देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपने जिस तरह बहुमत देकर सरकार चलाने का सौभाग्य दिया है, हम सभी का दायित्व है कि सर्वमत का सम्मान कर देश को आगे ले जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। एनडीए को करीब-करीब तीन दशक हो चुके हैं।
आजादी के 75 साल में तीन दशक एनडीए का होना सामान्य घटना नहीं है। विविधता के बीच तीन दशक की यह यात्रा बहुत बड़ी मजबूती का संदेश देती है। आज गर्व के साथ कहता हूं कि एक समय संगठन के कार्यकर्ता के रूप में मैं इस गठबंधन का हिस्सा था और आज सदन में बैठकर आपके साथ काम करते-करते मेरा भी नाता इससे तीस सालों का हो गया है।
मैं कह सकता हूं कि यह सबसे सफल गठबंधन है। पांच साल का कार्यकाल होता है, लेकिन इस गठबंधन ने तीस साल में से पांच-पांच साल के तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और गठबंधन चौथे कार्यकाल में प्रवेश कर रहा है।”
अटलजी, बादल, ठाकरे, फर्नांडीज को याद किया
उन्होंने कहा, ”जो राजनीति के विशेषज्ञ हैं, अगर वे मुक्त मन से वे सोचेंगे तो पाएंगे कि एनडीए सत्ता प्राप्त करने या सरकार चलाने का कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है। यह राष्ट्र प्रथम की मूल भावना से प्रतिबद्ध समूह है। तीस साल का लंबा कालखंड रहा है। यह भारत की राजनीतिक व्यवस्था में ऑर्गेनिक अलायंस है।
श्रद्धेय अटलजी, प्रकाश सिंह बादल, बाला साहेब ठाकरे, जॉर्ज फर्नांडीज, शरद यादव जैसे अनगिनत नामों ने जिस बीज को बोया था, जनता के विश्वास से सींचकर यह वटवृक्ष हो गया है। हम सबके पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है।
बीते 10 वर्ष में हमने एनडीए की उसी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। एनडीए के लोगों में एक साझा चीज नजर आती है। वह है- गुड गवर्नेंस। सभी को जब-जब मौका उन्होंने गुड गवर्नेंस दिया है।
एनडीए कहते ही गुड गवर्नेंस पर्यायवाची बन जाता है। हम सभी के कार्यकाल में, चाहे मैं गुजरात में रहा हूं, या चंद्रबाबू आंध्र में रहें हों या नीतीश जी ने बिहार की सेवा की हो, हम सभी के केंद्र में गरीब का कल्याण रहा है।
देश ने एनडीए के गरीब कल्याण के, सुशासन के 10 साल को न सिर्फ देखा है, बल्कि जिया है। सरकार क्यों होती है, किसके लिए होती है, कैसे काम करती है, इसे पहली बार जनता ने अनुभव किया है। वरना जनता और सरकारों के बीच खाई की व्यवस्था बनी हुई थी, हमने उसे पाट दिया है।”