नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मंगलवार को 1962 के चीनी आक्रमण का उल्लेख करते हुए उसके पहले ‘कथित’ शब्द का इस्तेमाल किया और बाद में इसके लिए बिना शर्त माफी भी मांग ली।
विदेशी संवाददाता क्लब में मंगलवार शाम आयोजित एक कार्यक्रम के वीडियो के मुताबिक अय्यर ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा, ‘अक्टूबर 1962 में चीनियों ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण कर दिया।’ बाद में एक संक्षिप्त बयान में अय्यर ने कहा, ”मैं चीनी आक्रमण से पहले कथित शब्द का गलती से प्रयोग करने के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं।”
पाकिस्तान के लोगों ने मेरा दिल खोलकर स्वागत किया: कांग्रेस नेता
उल्लेखनीय है कि अय्यर का विवादों से पुराना नाता रहा है। इस महीने की शुरुआत में उनके एक साक्षात्कार का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कह रहे थे कि पाकिस्तान एक सम्मानित राष्ट्र है और उसके पास परमाणु बम भी है इसलिए भारत को उसके साथ बातचीत करनी चाहिए।
उनका यह भी कहना था कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने पाकिस्तान से वार्ता का कोई प्रयास नहीं किया। इससे पहले फरवरी में उन्होंने पाकिस्तानी लोगों की प्रशंसा करते हुए और उन्हें भारत की सबसे बड़ी संपत्ति करार देकर नया विवाद खड़ा कर दिया था।
लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अय्यर ने पाकिस्तान और उसके लोगों के प्रति अपना स्नेह साझा करते हुए कहा था कि वह कभी ऐसे देश में नहीं गए जहां उनका इतने खुले दिल से स्वागत किया गया हो जितना पाकिस्तान में किया गया।
कांग्रेस का चीनियों के प्रति प्रेम क्या दर्शाता है : भाजपा
भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट में आरोप लगाया, ”नेहरू ने चीन के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट का दावा छोड़ दिया था, राहुल गांधी ने एक गुप्त MoU पर हस्ताक्षर किए थे।
राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से धन स्वीकार किया और चीनी कंपनियों के लिए बाजार तक पहुंच की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी और उनके आधार पर सोनिया गांधी की संप्रग सरकार ने चीनी सामानों के लिए भारतीय बाजार खोल दिया था, जिससे MSME को नुकसान पहुंचा।
अब कांग्रेस नेता अय्यर उस चीनी आक्रमण को झुठलाना चाहते हैं, जिसके बाद चीनियों ने 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है। कांग्रेस का चीनियों के प्रति प्रेम क्या दर्शाता है?’
अय्यर की उम्र का ध्यान रखा जाए : जयराम
विवाद के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ” उनकी उम्र को देखते हुए छूट दी जानी चाहिए। कांग्रेस ने उनके बयान से खुद को अलग कर लिया है।” उन्होंने कहा, ”20 अक्टूबर, 1962 को भारत पर चीनी आक्रमण वास्तविक था। मई, 2020 की शुरुआत में लद्दाख में चीनी घुसपैठ भी वास्तविक थी, जिसमें हमारे 40 सैनिक शहीद हो गए और यथास्थिति बिगड़ गई।”
रमेश ने कहा, ”निवर्तमान प्रधानमंत्री ने 19 जून, 2020 को सार्वजनिक रूप से चीनियों को क्लीन चिट दे दी, जिससे हमारी बातचीत की स्थिति कमजोर हो गई। देपसांग और डेमचोक सहित 2,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र भारतीय सैनिकों की पहुंच से बाहर है।”