इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दिल्ली से लौटने के कुछ घंटे बाद ही अपना इस्तीफा गवर्नर अजय कुमार भल्ला को सौंपा। गवर्नर ने उन्हें नई सरकार का गठन होने तक जिम्मेदारी संभालने का निर्देश दिया है।
गवर्नर को लिखे पत्र में बीरेन सिंह ने कहा, ‘अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार का बेहद आभारी हूं कि उसने समय पर कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के जरिए हर मणिपुरी के हितों की रक्षा की।’
बीरेन सिंह ने 15 मार्च 2017 को मणिपुर के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने राज्य में बीजेपी को पहली जीत दिलाई। 2022 के विधानसभा चुनावों में सत्ता बरकरार रखी। हालांकि, मई 2023 में राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा ने उनके दूसरे कार्यकाल पर सवाल खड़े कर दिए।
इस बीच मुख्यमंत्री के इस्तीफे के कई मायने निकाले जा रहे थे। अब मणिपुर भाजपा की अध्यक्ष ए शारदा देवी ने इस्तीफे की असली वजह बताई है।
भारतीय जनता पार्टी, मणिपुर की अध्यक्ष ए शारदा देवी ने एन बीरेन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि, यह निर्णय क्षेत्र की शांति के लिए किया गया है।
क्या विधायकों के बीच है मतभेद?
रविवार को मीडिया से बात करते हुए शारदा देवी ने बताया कि, एन बीरेन सिंह ने राज्य के लोगों के कल्याण के लिए अपना इस्तीफा दिया है। उन्होंने बताया कि, एन बीरेन सिंह ने केंद्र से मणिपुर के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध भी किया है। इस दौरान शारदा देवी ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि पार्टी के विधायकों के बीच कोई मतभेद है।
भाजपा नेता ए शारदा देवी ने कहा, “हमारे सीएम ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने राज्य के लोगों के लिए इस्तीफा दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य की अखंडता की रक्षा करने और अपने लोगों की रक्षा करने का भी अनुरोध किया है।
उनका इस्तीफा राज्य के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। पार्टी के विधायकों के बीच कोई मतभेद नहीं है। सीएम राज्य में शांति चाहते हैं और उन्होंने केंद्र से लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है।”
हिंसा भड़कने के दो साल बाद सीएम का इस्तीफा
बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद रविवार को इस्तीफा दिया। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई, 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद शुरू हुई थी।
यह रैली मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा राज्य को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश देने के बाद आयोजित की गई थी।