नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आज सोमवार को आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।
सीबीआई और ईडी की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 22 जुलाई तक बढ़ा दी है। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने 30 अप्रैल को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
अदालत ने सीबीआई और ईडी के साथ-साथ सिसोदिया की ओर से पेश हुए वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। मनीष सिसोदिया को इससे पहले भी अदालत से झटका लगा था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 जुलाई तक उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी थी।
जून के बाद नए सबूत मिले-कोर्ट में सीबीआई के वकील
सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील विवेक जैन ने कोर्ट में तर्क दिया था कि सीबीआई अदालत को गुमराह कर रही है। इसका जवाब देने के लिए सीबीआई का पक्ष रख रहे वकील डीपी सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि जून के बाद नए सबूत सामने आए हैं और वे इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जानकारी देंगे।
ईडी मामले में मनीष सिसोदिया की हिरासत 25 जुलाई तक
इससे पहले ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली शराब घोटाले के तीनों आरोपी को पेश किया था। यहां पर ईडी ने हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था। अदालत ने ईडी की दलीलों को सुनने के बाद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक और मनीष सिसोदिया और के. कविता की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी थी।