नई दिल्ली। कर्नाटक से भाजपा सांसद और वंचित नेता रमेश जिगाजिनागी ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ऊंची जातियों से ताल्लुक रखते हैं। वहीं, वंचितों को दरकिनार कर दिया गया है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री नहीं बनाए जाने से वो काफी दुखी हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में विजयपुरा सीट से जीत दर्ज की है।
दलित विरोधी है भाजपा
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रमेश जिगाजिनागी ने कहा, कई लोगों ने मुझे बीजेपी में ना जाने की सलाह दी थी, क्योंकि यह (पार्टी) ‘दलित विरोधी’ है। हालांकि रमेश जिगाजिनागी ने कहा मुझे केंद्रीय मंत्री पद की मांग करने की कोई जरूरत नहीं है। लोगों का समर्थन मेरे लिए जरूरी है, लेकिन जब मैं वापस आया (चुनाव के बाद) तो लोगों ने मुझे बहुत डांट लगाई। कई दलितों ने मुझसे इस बात पर बहस की कि बीजेपी दलित विरोधी है और मुझे पार्टी में शामिल होने से पहले यह बात जान लेनी चाहिए थी।
पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि मेरे जैसा वंचित नेता लगातार सात चुनाव लगातार जीतने वाला दक्षिण भारत का पहले व्यक्ति है। सभी उच्च जाति के लोग कैबिनेट पदों पर हैं। भाजपा नेता ने सवाल किया कि क्या दलितों ने कभी बीजेपी का समर्थन नहीं किया? उन्होंने आगे कहा कि इससे मुझे बहुत दुख हुआ।
पिछले सात बार से सांसद हैं रमेश जिगाजिनागी
रमेश जिगाजिनागी ने पहली बार साल 1998 में लोकसभा चुनाव जीता था। तब से लेकर अब तक वो लोकसभा चुनाव में अपराजय रहे हैं। बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक के 28 सीटों में भाजपा ने 17 सीटों पर बाजी मारी थी।
बताते चलें कि मोदी सरकार 3.0 में 29 ओबीसी, 28 जनरल, 10 एससी, 5 एसटी और सात महिलाओं को मंत्री बनाया गया है। वहीं, कर्नाटक राज्य से जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग और इस्पात मंत्री बनाया गया है। राज्यसभा में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाली निर्मला सीतारमण को फिर से वित्त मंत्री बनाया गया है, जो पहले उनके पास महत्वपूर्ण पद था।