नई दिल्ली। इसी महीने न्यूजीलैंड के साथ शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया का एलान हो गया। BCCI की सीनियर सेलेक्शन कमेटी ने शुक्रवार रात को 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की।
सभी को उम्मीद थी कि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को इस सीरीज के लिए चुना जाएगा लेकिन टीम में उनका नाम नहीं था। इसके बाद से शमी के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेलने पर संशय बना हुआ है। शमी को पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के दौरान चोट लग गई थी। इसके बाद से यह तेज गेंदबाज क्रिकेट से दूर है और अपनी चोट पर काम कर रहा है।
शमी इस समय NCA में रिकवरी पर ध्यान दे रहे हैं। न्यूजीलैंड सीरीज में भी उन्हें नहीं चुना गया इसका मतलब यही है कि या तो शमी पूरी तरह से मैच फिट नहीं है या मैनेजमेंट उन्हें लेकर कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं हैं।
वापसी की थी उम्मीद
कुछ दिन पहले ही रणजी ट्रॉफी के लिए बंगाल टीम का एलान हुआ था। शमी बंगाल से ही घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। इस टीम में उनका नाम न देखकर लगा था कि न्यूजीलैंड सीरीज में शमी की वापसी हो सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
न्यूजीलैंड सीरीज में भी उनका नाम नहीं आया। यानी शमी दो टीमों से बाहर ही हैं। हो सकता है कि मैनेजमेंट उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले मैदान पर उतारने का रिस्क न लेना चाहता हो। भारत के लिए साल के अंत में होने वाला ऑस्ट्रेलिया दौरा काफी अहम है।
यहां भारत अपनी बेस्ट टीम के साथ जाना चाहेगा। शमी ऐसे गेंदबाज हैं जो ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर बेहद असरदार साबित हो सकते हैं। ऐसे में टीम मैनेजमेंट पूरी कोशिश करेगा कि वह इस दौरे पर सौ फीसदी फिट होकर जाएं।
बुमराह की बढ़ी जिम्मेदारी
शमी की गैरमौजूदगी में टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण की जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह के कंधों पर होगी। बुमराह को टेस्ट टीम का उप-कप्तान भी नियुक्त किया गया है। न्यूजीलैंड सीरीज के लिए जब टीम का एलान हुआ तब बुमराह को ये जिम्मेदारी सौंपी गई। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी बुमराह की टीम को काफी जरूरत होगी और अगर शमी नहीं होते हैं तो बुमराह का भार दोगुना हो जाएगा।