नई दिल्ली। सान्या मल्होत्रा की फिल्म Mrs ओटीटी पर स्ट्रीम हो रही है। इस फिल्म में एक ऐसी लड़की की कहानी को दिखाया गया है जिसके सपने और चाहत सिलबट्टे की चटनी से पिस कर रह जाते हैं। आरती कदव के डायरेक्शन में बनी फिल्म इस वक्त सुर्खियों में बनी हुई है।
सान्या मल्होत्रा पिछली कुछ फिल्मों से अपने अभिनय को निखारती चली जा रही है। इस मूवी में भी उन्होंने कमाल का काम किया है। अगर आप उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने अभी तक इस फिल्म को नहीं देखा है तो आप कुछ बेहतरीन देखने से खुद को रोक रहे हैं।
इस फिल्म में वो सब दिखाने की कोशिश की गई है जिसे अक्सर मेनस्ट्रीम सिनेमा में दरकिनार कर दिया जाता है। ये कहानी उस हर महिला की कहानी है जो अपना सारा जीवन घर की देखभाल और किचन में बिता देती है। आपने कभी ये सोचा है कि कैसे एक औरत घर को रहने लायक घर बनाती है यही इस फिल्म का मर्म है।
फिल्म के उन पहलुओं के बारे में बताते हैं जो इसे मस्ट वॉच बनाती हैं।
1.सोशल मैसेज
सबसे पहले बता दें कि Mrs. एक मलयालम फिल्म ‘द ग्रेट इंडियन किचन’ की रीमेक है जो इस वक्त प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है। फिल्म को केवल एंटरटेनमेंट के लिहाज से नहीं बनाया गया है। ये कहानी समाज को एक आईना दिखाने की कोशिश करती है।
शादी करके ससुराल पहुंची एक महिला जिसके मन में कई सवाल हैं कई ख्वाहिशें हैं, कैसे उसे उसका ही परिवार के दायरे में सीमित कर के रख देता ये देखकर मन में कई सवाल खड़े होते हैं।
एक बात ये भी सच है कि जरूरी नहीं कि हर महिला के साथ ऐसा होता हो, लेकिन जिस समाज का हिस्सा हम हैं वहां ये जरूर आपने भी देखा ही होगा।
2.पितृसत्तात्मक
फिल्म में दिखाया जाता है कि तमाम महिलाओं के लिए चलाए अभियान और बदलते समाज के बाद आज भी कुछ परिवार ऐसे हैं जो महिलाओं को खाना बनाने और बर्तन धोने जैसे कामों के लिए जरूरी मानते हैं।
फिल्म में हम देखते हैं कि सान्या के ससुर के किरदार को उनकी पत्नी सुबह हाथ में पानी और उठने से पहले बिस्तर के पास चप्पल लाकर रखती है।
हमारे में समाज आज भी कई हिस्से ऐसे हैं जहां आदमी अपनी छोटी से छोटी जरूरतों के लिए घर की औरतों पर निर्भर है। मगर हैरान करने वाली बात तब ज्यादा लगती है जब इसका क्रेडिट तक उन महिलाओं को नहीं मिलता।
3.शोषण दिखाने का अंदाज
आपने शोषण शिकार होती महिलाओं की कई कहानियां सुनी होंगी। जिसमें दहेज के लिए प्रताड़ित करना, मारपीट करना और अन्य कई तरह की शारीरिक हिंसा शामिल है।
इस फिल्म में आपको शोषण का ऐसा अंग देखने को मिलेगा जो इन सभी तरह की हिंसा से अलग है। मूवी में कई मुख्य किरदार हैं जिसमें से दो उसके पति उसके और ससुर शामिल हैं। दोनों को बहुत ही शांत स्वभाव का दिखाया गया है।
वे मुस्कुरा कर बात करते हैं और कभी गुस्सा नहीं हुए, कभी हाथ नहीं उठाते। यह दिखाता है कि उत्पीड़न के कई रूप हो सकते हैं जो आसानी से नजर नहीं आते।
4.पाखंडी समाज की झलक
भले ही भारतीय समाज में लड़कियों की पढ़ाई और करियर के प्रति सोच बदल रही हो जिस वजह से पहले के मुकाबले शिक्षा में उनकी संख्या बढ़ी है। जब बात शादी की आती है तो उसमें पढ़ी-लिखी, बड़ी डिग्री वाली लड़कियां तो चाहिए होती हैं लेकिन वे आगे जाकर हाउसवाइफ के तौर पर ही रहें, इसे ही बेहतर माना जाता है।
Mrs. में भी ऐसे ही पाखंडी समाज पर वार करने की कोशिश की गई है। फिल्म के किरदारों में कहीं न कहीं हम सबकी झलक मौजूद है। यह दिखाती है कि ऐस परिवारों का कोई सामाजिक परिवेश नहीं होता, वे घरों की चारदीवारी के भीतर ही अपनी दुनिया बनाते हैं।
5.राइटिंग, डायरेक्शन और एक्टिंग
इस फिल्म को सफल बनाने में फिल्म की निर्देशक, राइटर और कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। फिल्म में ससुर के किरदार में कंवलजीत सिंह और पति के किरदार में निशांत दहिया ने काफी अच्छा काम किया है।
जिन्हें पूरी मूवी में देखकर आपको एक वक्त के बाद इनके रोल से नफरत होने लगेगी और सही मायने में यह उनके अभिनय की जीत है। वहीं सान्या ने अपनी एक्टिंग से फिल्म को निखारने का काम किया है।
फिल्म देखते-देखते आप सान्या मल्होत्रा के किरदार के साथ हो रही हिंसा को खुद से जोड़कर देखने लग जाएंगे। फिल्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही है जिसे आपको अपने पूरे परिवार के साथ देखनी चाहिए।