अयोध्या। इस बार होली 14 मार्च को मनाई जाएगी, लेकिन होली आने से पहले ही भारत के अलग- अलग हिस्सों में होली का त्योहार मनाने की शुरुआत हो गई है।
जहां 8 मार्च से लठमार होली के साथ ब्रज में होली का शुभारंभ हुआ, वहीं अब भगवान राम की नगरी अयोध्या में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने अबीर और गुलाल विराजमान हनुमानजी को लगाकर 10 मार्च को होली मनाने का आगाज किया था।
बता दें, हनुमान गढ़ी में रंगोत्सव बड़े उत्साह के साथ हर साल होली से पांच दिन पहले शुरू किया जाता है। यहां आज भी सदियों पुरानी परंपरा का पालन किया जा रहा है। आइए जानते हैं, यहां कैसे मनाई जाती है होली।
अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में ऐसे मनाई जाती है होली
सोमवार की सुबह नागा साधुओं ने रंगारंग उत्सव की शुरुआत करने के लिए बजरंगबली के पवित्र निवास हनुमान गढ़ी में जमा हुए थे। परंपरा के अनुसार, उन्होंने सबसे पहले हनुमान जी के चरणों में अबीर-गुलाल चढ़ाया, जो भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है।
इसके बाद मंदिर प्रांगण में एक घंटे तक रंगों के साथ होली खेली गई, जहां साधुओं ने होली की मस्ती में खुद को डुबो लिया। इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति को खूबसूरती से सजाया गया।
ढोल- नगाड़ों पर नाच रहे हैं लोग
देशभर में अयोध्या की होली काफी मशहूर है। जिसमें शामिल होने के लिए दूर- दूर से भक्त आते हैं। यहां लोग कहीं फूलों से होली खेलते हैं, तो कहीं अबीर गुलाल एक दूसरे को रंग लगाकर होली की बधाई देते हैं। यहां साधु संत से लेकर स्थानीय लोग होली के रंगों में रंग जाते हैं और ढोल- नगाड़ों पर नाचते हैं।
फूलों के साथ खेली जाएगी रामलला संग होली
अयोध्या स्थित राम मंदिर भक्तों ने रामलला के साथ होली 14 मार्च को खेली जाएगी. बता दें, बड़ी संख्या में भक्त राम मंदिर के दर्शन करने आ रहे हैं और उन्हें गुलाल चढ़ा रहे हैं।
पिछले साल की तरह इस साल भी होली के दिन राम मंदिर के प्रांगण में पुजारी मूर्ति पर फूलों की वर्षा करते हुए भगवान राम के साथ होली का त्योहार मनाएंगे। अगर आप ये दृश्य देखना चाहते हैं, तो यहां आ सकते हैं।
बदल गया राम मंदिर के दर्शन का समय
अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट ने महाकुंभ मेले 2025 के समाप्त होने के बाद राम मंदिर में दर्शन के नए समय की घोषणा की थी। जिसमें मंगला आरती के लिए मंदिर के पट सुबह 4 बजे खुल रहे हैं।
हालांकि श्रद्धालुओं को इस समय दर्शन करने का मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि पट सुबह 4:15 बजे से सुबह 6 बजे तक कुछ समय के लिए बंद रहेंगे। जिसके बाद श्रृंगार आरती सुबह 6 बजे होगी। वहीं श्रृंगार आरती शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं सुबह 6:30 बजे से रात 11:50 बजे तक दर्शन की अनुमति दी जाएगी।