नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ की असली वजह सामने आ गई है। हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे के बाद स्टेशन पर उपलब्ध सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं। घटना के गवाह यात्रियों ने बताया कि खौफनाक मंजर था। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई थी। लोगों अपने की खोज के लिए चीख-पुकार कर रहे थे।
कुली ने बताया कैसे मची भगदड़?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाले शख्स ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, इससे पहले मैंने कभी ऐसी भीड़ नहीं देखी। प्रयागराज स्पेशल को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन इसे प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर शिफ्ट कर दिया गया।
जब प्लेटफॉर्म 12 पर इंतजार कर रही भीड़ और बाहर से इंतजार कर रही भीड़ प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने की कोशिश कर रही थी, तो लोग आपस में टकराने लगे और एस्केलेटर और सीढ़ियों पर गिरने लगे।”
कुली ने आगे कहा, “भीड़ को रोकने के लिए कई लोग वहां जमा हो गए। हमने कम से कम 15 शवों को उठाकर एम्बुलेंस में डाला। प्लेटफॉर्म पर सिर्फ जूते और कपड़े थे। हमने पुलिस, दमकल गाड़ियों को बुलाया और 3-4 एम्बुलेंस वहां पहुंचीं और लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया…।”
प्रत्यक्षदर्शी ने बताई यह बात
मीडिया से बातचीत में एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा के बाद भीड़ दोनों तरफ से आ गई, जिससे भगदड़ मच गई। भीड़ को नियंत्रित करने वाला कोई नहीं था… यह घोषणा की गई थी कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर आने वाली ट्रेन अब प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर आएगी। इसलिए, भीड़ दोनों तरफ से आ गई और भगदड़ मच गई… कुछ लोगों को अस्पताल ले जाया गया।”
नियंत्रण से बाहर थी भीड़
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने अराजकता का जिक्र करते हुए कहा कि “भीड़ नियंत्रण से बाहर थी, लोग फुटओवर ब्रिज पर जमा थे… इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने रेलवे स्टेशन पर इतनी बड़ी भीड़ कभी नहीं देखी, त्योहारों के दौरान भी नहीं। प्रशासन के लोग और यहां तक कि एनडीआरएफ के जवान भी वहां मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ सीमा से अधिक हो गई, तो उन्हें नियंत्रित करना संभव नहीं था।”
LNJP अस्पताल में मौजूद भगदड़ में अपनी बहन को खो चुके पीड़ित ने कहा, “हम 12 लोग महाकुंभ जा रहे थे। हम प्लेटफॉर्म पर भी नहीं पहुंचे थे, लेकिन सीढ़ियों पर थे… मेरी बहन सहित मेरा परिवार भीड़ में फंस गया था। हमने उसे आधे घंटे बाद पाया, तब तक वह मर चुकी थी।”
ट्रेन लेट होने से बिक गई 1,500 जनरल टिकटें
यह घटना रात करीब 10 बजे हुई, जब हजारों श्रद्धालु महाकुंभ 2025 उत्सव के लिए प्रयागराज जा रहे थे, जिससे स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ हो गई। ट्रेन के प्रस्थान में देरी और लगभग 1,500 जनरल की टिकटों की बिक्री ने स्थिति को और बिगाड़ दिया और भीड़ को और बढ़ा दिया। महाकुंभ जाने के लिए स्पेशल ट्रेन की घोषणा हुई थी, इसके बाद अफतराफरी मची गई।
भगदड़ में इन लोगों की गई जान
- आहा देवी (79) पत्नी रविन्दी नाथ निवासी बक्सर (बिहार)
- पिंकी देवी (41) पत्नी उपेन्द्र शर्मा निवासी संगम विहार (दिल्ली)
- शीला देवी (50) पत्नी उमेश गिरी निवासी सरिता विहार (दिल्ली)
- व्योम (25) पुत्र धर्मवीर निवासी बवाना (दिल्ली)
- पूनम देवी (40) पत्नी मेघनाथ निवासी सारण (बिहार)
- ललिता देवी (35) पत्नी संतोष निवासी परना (बिहार)
- सुरुचि (11) पुत्री मनोज शाह निवासी मुजफ्फरपुर (बिहार)
- कृष्णा देवी (40) पत्नी विजय शाह निवासी समस्तीपुर (बिहार)
- विजय साह (15) पुत्र राम सरूप साह निवासी समस्तीपुर (बिहार)
- नीरज (12) पुत्र इंद्रजीत पासवान निवासी वैशाली (बिहार)
- शांति देवी (40) पत्नी राज कुमार मांझी निवासी नवादा (बिहार)
- पूजा कुमार (8) पुत्री राज कुमार मांझी निवासी नवादा (बिहार)
- संगीता मलिक (34) पत्नी मोहित मलिक निवासी भिवाणी (हरियाणा)
- पूनम (34) पत्नी वीरेंद्र सिंह निवासी महावीर एन्क्लेव (दिल्ली)
- ममता झा (40) पत्नी विपिन झा निवासी नांगलोई (दिल्ली)
- रिया सिंह (07) पुत्री ओपिल सिंह निवासी सागरपुर (दिल्ली)
- बेबी कुमारी (24) पुत्री प्रभु साह निवासी बिजवासन (दिल्ली)
- मनोज (47) पुत्र पंचदेव कुशवाह निवासी नांगलोई (दिल्ली)