नई दिल्ली। नीट यूजी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज 2 अगस्त को विस्तार से फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सभी दलीलों को सुनने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है पेपर लीक का मामला सिस्टमैटिक फेलयर नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर नहीं हुआ है।
पेपर लीक के पर्याप्त सबूत नहीं: सुप्रीम कोर्ट
लीक का मामला केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी। कोर्ट ने कहा था कि इस बात का पर्याप्त सबूत नहीं है कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन हुआ है।
नीट यूजी परीक्षा 5 मई को हुई थी। 4 जून को इसका रिजल्ट जारी किया गया था। रिजल्ट सामने आने के बाद कई छात्रों ने सु्प्रीम कोर्ट में परीक्षा में हुई गड़बड़ी के खिलाफ याचिका दायर की थी।
सीबीआई ने दाखिल की अपनी पहली चार्जशीट
पेपर लीक मामले में अपनी प्रारंभिक जांच पूरी करने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपनी पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है। पहली चार्जशीट में CBI ने पेपर लीक मामले में 13 लोगों को आरोपी बनाया है। 5 मई को नीट यूजी परीक्षा आयोजित की गई थी। उसी दिन यह बात सामने आ गई थी कि नीट परीक्षा का पेपर लीक हो गया है।
नीट पेपर लीक मामले में प्रारंभिक जांच आर्थिक अपराध इकाई (EOU) कर रही है। बाद में पेपर लीक के बढ़ते दायरे को देखते हुए जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया।
सीबीआई ने 23 जून से इस मामले की जांच शुरू की। आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के लिए उसने उन्नत फोरेंसिक तकनीकों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी, सीसीटीवी फुटेज, टावर लोकेशन विश्लेषण का उपयोग किया है।