श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आज पहले चरण का मतदान हो रहा है। ऐसे में कश्मीर संभाग की 16 सीटों पर भी वोटिंग जारी है। जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद हो रहे चुनाव में मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और त्राल वे इलाके हैं, जो कभी आतंक का गढ़ रहे हैं। लेकिन यहां भी चुनाव को लेकर मतदाताओं में खासा उत्साह दिख रहा है। महिला वोटर्स में खासा उत्साह नजर आ रहा है।
धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में पहली बार चुनाव हो रहा है। इससे पहले विधानसभा चुनाव साल 2014 में हुआ था। केंद्रशासित प्रदेश में अलगाववाद, आतंकवाद और पाकिस्तान जैसे मुद्दों से हटकर मूलभूत और विकास से जुड़े मुद्दों को अहमियत दी जा रही है।
जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में चुनाव के पहले चरण के दौरान मुस्लिम महिलाएं एक मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचीं। चुनाव में न केवल कोई एक खास पार्टी या वर्ग बल्कि इस लोकतंत्र के पर्व में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के सदस्य भी मैदान में है।
इस चुनाव में जिन नेताओं को पार्टी ने मौका दिया… ठीक, और जिन्हें अवसर नहीं दिया गया। वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। जानकर हैरानी होगी कि जम्मू-कश्मीर के चुनावी रण में 40 फीसदी से भी ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले 57 साल में दूसरी बार इस तरह का रिकॉर्ड कायम हुआ है।
चुनाव में जम्मू-उधमपुर और दिल्ली के विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए स्पेशल पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। दिल्ली में चार, जम्मू में 19 तो उधमपुर में एक विशेष मतदान केंद्र बनाया गया है।