लखनऊ। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उनकी योग्यता और कौशल के अनुसार समयबद्ध तरीके से रोजगार उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं।
उन्होंने कहा युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करते हुए कौशल विकास के कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाएं। सीएम ने रोजगार सृजन के लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनाने को भी कहा है, जो 22 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देगी।
कैसे काम करेगी रोजगार कमिटी?
CM योगी ने शुक्रवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर विभिन्न विभागों के साथ रोजगार सृजन को लेकर बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव MSME और प्रमुख सचिव श्रम व सेवायोजन की तीन सदस्यीय एग्जिक्यूटिव कमिटी गठित की जाए। कमिटी की मॉनिटरिंग मुख्य सचिव करेंगे।
कमिटी रोजगार सृजन के संबंध में चर्चा कर और संस्थानों के प्रतिनिधि से समन्वय बनाकर एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें। इस कमेटी का काम संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान करना भी है।
CM योगी ने कहा कि चिकित्सा, शिक्षा, पर्यटन, निर्माण एवं विनिर्माण सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार की संभावनाएं हैं। ऐसे में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
गांव के स्तर पर बैंकिंग सखी, ग्राम सचिवालय, बारात घर, मॉडल शॉप (सरकारी राशन की दुकान), तालाबों में मत्स्य पालन इत्यादि के जरिये भी लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे यूपी के गांवों का विकास होने के साथ ही युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।