नई दिल्ली। संसद में बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा के पटल पर रखी गई। रिपोर्ट पेश होते ही राज्यसभ में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
अध्यक्ष जगदंबिका पाल विधेयक से संबंधित रिपोर्ट और साक्ष्यों का रिकॉर्ड सदन के पटल पर रखा। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगति किया जा चुका है।
आयकर विधेयक 2025 किया जाएगा पेश
इसके अलावा, संसद में आज आयकर विधेयक 2025 भी पेश किया जाएगा। आयकर प्रावधानों को सरल ढंग से पेश करने के लिए यह विधेयक तैयार किया गया है। इस विधेयक में ‘आकलन वर्ष’ जैसी जटिल शब्दावली की जगह ‘कर वर्ष’ की संकल्पना रखी गई है।
लाइव अपडेट्स
विपक्षी सांसदों का कहना है कि जेपीसी की रिपोर्ट से विपक्षी सांसदों द्वारा जारी की गई डिसेंट नोट को हटा दिया गया है, जोकि असंवैधानिक है। तिरुचि शिवा ने कहा कि जो सदस्य कमेटी में होते हैं, उनकी असहमति को लेकर डिसेंट नोट के साथ रिपोर्ट का नियम है. इसमें इसका पालन नहीं किया गया।
विपक्ष के इस आरोप पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल में सारी चीजें हैं. कुछ भी डिलीट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को गुमराह न करे। रिपोर्ट नियमों के मुताबिक ही तैयार की गई है। विपक्ष के सारे आरोप झूठ हैं।
जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्षी सांसद तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। विपक्ष जेपीसी की रिपोर्ट पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं।
विपक्षी सांसदों के आरोपों का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल में सारी चीजें हैं। कुछ भी डिलीट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को गुमराह न करे। रिपोर्ट नियमों के मुताबिक ही तैयार की गई है। विपक्ष के सारे आरोप झूठ हैं।
जेपीसी के सदस्यों में से एक संजय सिंह ने कहा कि हमने अपना पक्ष रखा। हमारे पक्ष से आप सहमत-असहमत हो सकते हैं लेकिन उसको कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं। आज आप वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं। कल आप गुरुद्वारा, चर्च और मंदिर की करेंगे।
इसके अलावा, तिरुचि शिवा ने कहा कि जो सदस्य कमेटी में होते हैं, उनकी असहमति को लेकर डिसेंट नोट के साथ रिपोर्ट का नियम है। इसमें इसका पालन नहीं किया गया।
वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पर राज्यसभा में पेश किए जाने पर टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा, “अगर आप देखें तो उन्होंने समिति की रिपोर्ट के ऊपर असहमति नोट को काली स्याही या सफेद कागज से सेंसर कर दिया है, जिसे आज पेश किया गया है।
अगर हम इस देश को लोकतंत्र मानते हैं, तो हर किसी की राय दिखाई देनी चाहिए। आप हमारी राय कैसे छिपा सकते हैं? हमने आज राज्यसभा में इसका विरोध किया है।”
बता दें कि मेधा कुलकर्णी ने इस रिपोर्ट को राज्यसभा में पेश किया।
राज्यसभा में हंगामे के बीत वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई। विधेयक पर आपत्ति जताते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह विधेयक सही नहीं है। यह फर्जी रिपोर्ट है। हम इसे नहीं मानेंगे। सांसदों की राय को दबाया गया है।
खरगे ने कहा कि एक बार फिर इस रिपोर्ट को जेपीसी के पास भेजा जाए। जेपी नड्डा को ये कदम उठाना चाहिए। खरगे ने कहा कि हमारी असहमति नजरअंदाज की गई।
विपक्ष के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्षी सांसदों का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट दोनों सदनों में पेश की गई। रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया।
वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है। विपक्षी सांसद विधेयक विरोध कर रहे हैं।
वक्फ बिल की खिलाफत करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है,” मैं इस सरकार को सावधान कर रहा हूं और चेतावनी दे रहा हूं- यदि आप वर्तमान स्वरूप में वक्फ विधेयक संसद में लाते हैं और इसे कानून बनाते हैं, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी।
इस विधेयक को पूरे मुस्लिम समुदाय ने खारिज कर दिया है। विधेयक का मौजूदा ड्राफ्ट अगर कानून बनता है, तो यह अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन होगा। हम कोई वक्फ संपत्ति नहीं छोड़ेंगे, कुछ भी नहीं छोड़ा जाएगा।”