स्टॉकहोम। साल 2024 के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार जापान के संगठन निहो हिंदाक्यो को दिया गया है। निहो हिंदाक्यो को ये नोबेल पुस्कार परमाणु हथियारों के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए दिया गया है। संगठन का मानना है कि दुनिया में परमाणु हथियारों का फिर कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
इस संगठन में वे लोग चलाते हैं हैं जो दूसरे विश्व युद्ध में हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले में जीवित बचे थे। इन्हें जपानी भाषा में हिबाकुशा कहा जाता है। हिबाकुशा दुनिया भर में अपनी पीड़ा और विभत्स यादों को निहोन हिदांक्यो संगठन के जरिए साझा करते हैं।
निहोन हिदांक्यो को इस साल का शांति पुरस्कार देते हुए नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा कि एक दिन परमाणु हमले को झेलने वाले ये लोग हमारे पास नहीं रहेंगे, लेकिन जापान की नई पीढ़ी उनकी याद और अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करती रहेगी।
नई पीढ़ी को ये याद दिलाती रहेगी कि परमाणु हथियार दुनिया के लिए कितने खतरनाक हैं। इनका इस्तेमाल फिर नहीं होना चाहिए चाहिए। नॉर्वेजियन नोबेल समिति को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कुल 286 उम्मीदवारों के आवेदन मिले थे, जिसमें से 89 संगठन हैं।
2023 का नोबेल पुरस्कार
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने 2023 में ईरान की महिला पत्रकार और एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए लड़ने पर मिला था।
नोबेल कमेटी ने शांति पुरस्कार की घोषणा ईरान की महिलाओं के नारे जन-जिंदगी-आजादी के साथ की थी। 51 साल की नरगिस ईरान की एवान जेल में कैद हैं। उन्हें अब तक 13 बार गिरफ्तार किया जा चुका है। आखिरी गिरफ्तारी के बाद नरगिस को 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई थी।
बता दें कि बीते दिन साहित्य के क्षेत्र में 2024 के नोबेल पुरस्कार का एलान कर दिया गया था। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुताबिक, इस साल यह सम्मान दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को दिया गया।
उन्हें उनके गहन काव्यात्मक गद्य के लिए इस सम्मान से नवाजा गया। यह गद्य ऐतिहासिक आघातों और मानव जीवन की नाजुकता को उजागर करता है। वहीं, बुधवार को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का एलान किया गया था।
इस साल यह सम्मान तीन लोगों को दिया गया। इस अवॉर्ड का आधा हिस्सा डेविड बेकर को कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए दिया गया। इसके अलावा इसे संयुक्त रूप से डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी के लिए दिया गया।
इससे पहले मंगलवार को भौतिकी क्षेत्र के लिए अवॉर्ड का एलान किया गया था। जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया गया था। इन्हें कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मूलभूत खोजों और आविष्कारों के लिए यह पुरस्कार देने का फैसला किया गया था।
वहीं, सोमवार को फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान किया गया था। इस साल अमेरिका के विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। दोनों को माइक्रो RNA की खोज के लिए यह सम्मान दिया गया।
सात अक्तूबर से हुई शुरुआत
चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हो गई थी। इसका एलान सात अक्तूबर यानी सोमवार को किया गया था। इसके बाद आठ अक्तूबर यानी मंगलवार को भौतिकी के नोबेल का एलान किया गया। इसके बाद बुधवार को रसायन विज्ञान के नोबेल का एलान किया गया।
अब गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा गई। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा 14 अक्तूबर को की जाएगी।
इतना मिलता है पुरस्कार
पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था। नोबेल पुरस्कार अधिकतम तीन विजेताओं को दिया जा सकता है। उन्हें पुरस्कार राशि साझा करनी होती है।