नई दिल्ली। हरियाणवी कलाकार सपना चौधरी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। तीस हजारी कोर्ट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता ने सपना के खिलाफ दर्ज हाईप्रोफाइल धोखाधड़ी मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है। इस मामले में कई पीड़ित शामिल हैं।
दरअसल, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाकर एक संयुक्त शिकायत दर्ज कराई गई थी। वहीं, इस मामले की जांच के बाद EOW ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सपना पर पहले भी धोखाधड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
पूर्व में एक मामले में कोर्ट में हाजिर हुई थीं सपना चौधरी
डांस का कार्यक्रम रद्द करने व टिकट का पैसा भी वापस नहीं करने के एक मामले में मशहूर डांसर सपना चौधरी अदालत में हाजिर हुई थीं। साथ ही अपने खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की गुहार लगाई थी। एसीजेएम शांतनु त्यागी ने अर्जी मंजूर करते हुए 20 हजार का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
अदालत ने गैरहाजिर रहने पर अभियुक्ता सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। उस रोज इस मामले में सपना समेत अन्य अभियुक्तों पर आरोप तय करने के मसले पर सुनवाई थी लेकिन सपना चौधरी उपस्थित नही हुईं।
उनकी तरफ से हाजिरी माफी की अर्जी भी नहीं दी गई, जबकि अन्य अभियुक्तों की ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी। इस मामले में सपना चौधरी की नियमित जमानत अर्जी सर्शत मंजूर हुई थी।
एक मई, 2019 को इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ किसी व्यक्ति के विश्वास का हनन व धोखाधड़ी करने के मामले में आरोप पत्र दाखिल हुआ था। जबकि 20 जनवरी, 2019 को इस कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 व 420 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
यह है पूरा मामला
13 अक्टूबर, 2018 को लखनऊ के स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक सपना समेत अन्य कलाकारों का कार्यक्रम था। जिसके लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपये में ऑनलाइन व ऑफलाइन टिकट बेचा गया था। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों टिकट धारक मौजूद थे।
लेकिन रात्रि 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आईं, तो उन्होंने हगांमा कर दिया। इसके बाद टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं किया गया। 14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की नामजद एफआइआर एसआइ फिरोज खान ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी।