लखनऊ। जेल में बंद होने के बाद भी कुख्यात अपराधी फिरदौस उर्फ शादाब अख्तर का दबदबा कायम है। पेशी पर वह मौज करता है। उसके साथी पहुंचते हैं। रील बनाते हैं, फोटोशूट होता है। फिर इन्हें इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया जाता है। लंबे समय से ऐसा चल रहा है। हैरानी इसकी है कि यह सब तब होता है जब फिरदौस पुलिस अभिरक्षा में होता है।
कैंट में 25 जून 2022 को रेलवे ठेकेदार व बिहार के मोस्टवांटेड वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर (42) की हत्या कर दी गई थी। वारदात में बिहार का कुख्यात अपराधी फिरदौस भी शामिल था। पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी थी।
15 दिसंबर 2022 को उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। तब से वह लखनऊ जिला जेल में बंद है। फिरदौस का लंबा आपराधिक इतिहास है। बिहार से लेकर यूपी तक उस पर 18 गंभीर केस हैं। बीते कुछ दिनों से उसकी कई रील और फोटो वायरल हैं।
खास है कि अधिकतर रील कोर्ट परिसर के अंदर बनाई गई हैं। फिरदौस फैन क्लब व टीम फिरदौस नाम से इंस्टाग्राम पर पेज भी है, जिनमें ये रील व फोटो पोस्ट की जाती है। सूत्रों के मुताबिक सामने आईं रील व फोटो एक साल के भीतर के हैं।
सांठगांठ से चल रहा पूरा खेल
फिरदौस को जब कोर्ट लाया जाता है तो पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं। रील देखने से स्पष्ट है कि उसके आने से लेकर कोर्ट परिसर में जाने और बाहर निकलने तक के वीडियो शूट किए गए। अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी न तो रोक-टोक करते हैं और न ही अपराधी की इस हरकत की उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हैं।
इससे साफ है कि सांठगांठ से अपराधी की पेशी पर मौज रहती है। फिरदौस लगातार पेशी पर लाया जाता है। तारीख पर तारीख लगी रहती है। सूत्रों के मुताबिक बीते 42 दिनों में वह 30 से भी अधिक दिन पेशी पर आया।
बंद होने के बाद भी चला रहा गैंग
फिरदौस को जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक जेल में बंद होने के बावजूद वह गैंग चला रहा है। जब भी पेशी पर आता है तो उसके गुर्गे मिलने आते हैं। वसूली की भी आशंका है।
फिरदौस पर जो केस दर्ज हैं, उसमें से आधे बिहार और बाकी लखनऊ के हैं। कुर्सी रोड स्थित निजी विवि का छात्र रहने के दौरान ही उसने वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया था।