नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में इंडिया ब्लॉक नेताओं की बैठक में भाग नहीं लिया। तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि वह अडानी मामले पर संसद में व्यवधान डालने में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ नहीं है।
कांग्रेस मांग कर रही है कि अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग पर चर्चा के लिए सदन में सभी कामकाज स्थगित कर दिए जाएं। आज सुबह भी कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अडानी मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
कई दिनों से बाधित है संसद की कार्यवाही
हालांकि, कांग्रेस समेत कई दलों के सांसदों ने चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान, उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा, बांग्लादेश में इस्कॉन के साधुओं को निशाना बनाए जाने और पंजाब में धान की खरीद में देरी जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।
अडानी समूह ने गौतम अडानी का हवाला देते हुए कहा कि गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन रिश्वतखोरी के आरोपों से मुक्त हैं। गौतम अडानी ने कहा है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब समूह ने इस चुनौती का सामना किया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है। अराजकता और बार-बार स्थगन के कारण पिछले कई दिनों से संसद की कार्यवाही बाधित है। बता दें कि सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा।
हम बंगाल के मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं- अभिषेक बनर्जी
इससे पहले तृणमूल महासचिव और पार्टी के नंबर दो नेता अभिषेक बनर्जी ने साफ कर दिया था कि तृणमूल शीतकालीन सत्र के दौरान बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देगी। बनर्जी ने कहा, हमारा रुख बिल्कुल साफ है। हम पहले बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। केंद्र ने बंगाल का बकाया रोक दिया है।
हम इन मुद्दों पर संसद में चर्चा चाहते हैं। कांग्रेस से जाकर पूछिए। मैंने कहा है कि हम बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। उनका क्या रुख है? इससे पहले तृणमूल की वरिष्ठ सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि पार्टी नहीं चाहती कि संसद की कार्यवाही बाधित हो।
उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि संसद चले। हम सिर्फ एक मुद्दे पर सदन को बाधित नहीं करना चाहते। हम इस सरकार को कई मामलों में जवाबदेह ठहराएंगे। तृणमूल ने पहले कहा था कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मणिपुर में चल रही अशांति का मुद्दा उठाएगी तथा पूर्वोत्तर राज्य में शांति लाने के लिए केंद्र से तत्काल कार्रवाई की मांग करेगी।
मोदी सरकार संसद को चलने नहीं देना चाहती थी- जयराम रमेश
संसद के दोनों सदनों में सोमवार को विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने रिश्वतखोरी के आरोप में उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अदालत में अभियोग चलाने और संभल हिंसा, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की।
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, आज भी दोनों सदन स्थगित हो गए। INDIA गठबंधन ने अडानी, मणिपुर, संभल और अजमेर पर तत्काल चर्चा के लिए नोटिस दिए थे। इन पार्टियों ने कभी आंदोलन नहीं किया।
शायद ही कोई नारेबाजी हुई हो, लेकिन मोदी सरकार संसद को चलने नहीं देना चाहती थी। रमेश ने कहा, स्थिति वास्तव में असाधारण है। विपक्ष चर्चा चाहता है लेकिन सरकार इससे भाग रही है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दो दिवसीय चर्चा चाहते हैं, जिसे 26 नवंबर को मनाया गया। रमेश ने कहा कि मोदी सरकार ने अभी तक इस चर्चा की तारीखों की अधिसूचना नहीं दी है।