नई दिल्ली। महंगाई की मार का असर फेस्टिव सीजन के बाद भी चालू है। जहां लोगों को उम्मीद थी कि फेस्टिव सीजन के खत्म होने के बाद उन्हें महंगाई से राहत मिलेगी पर हुआ इसका उलटा।
बाजार में हरी सब्जियों, टमाटर के दाम में भले ही हल्की नरमी आई है पर अभी भी इनके दाम उच्चतम स्तर पर बने हुए हैं। वहीं, प्याज की कीमतों में फिर से तेजी आई।
इसके अलावा अब लहसुन के दाम में शानदार तेजी देखने को मिल रही है। हाल में क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने अक्टूबर में सब्जियों के दाम में हुई बढ़ोतरी के कारण वेज थाली और नॉन-वेज थाली दोनों महंगी रही।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक वेज थाली एक साल की समान अवधि से 20 फीसदी बढ़कर 33.3 रुपये प्रति प्लेट हो गई है। नॉन-वेज थाली भी 5.11 फीसदी महंगी होकर 61.6 रुपये प्रति प्लेट हो गई।
ऐसे में 12 नवंबर और 14 नवंबर को आने वाले महंगाई के आंकड़े से पहले लोगों ने अनुमान लगाया है कि अक्टूबर में महंगाई ने पक्का कोई रिकॉर्ड तोड़ा होगा।
अब लहसुन हुआ महंगा
अब देश के कई बाजारों में लहसुन 500 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। जहां कुछ महीने पहले यह 100 से 150 रुपए किलो बिक रहा था।
माना जा रहा है कि लहसुन की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। इस वजह से कई लोग लहसुन खरीदने से कतरा रहे हैं और यही कारण है कि अनाज मंडियों में इसकी बिक्री काफी कम हो रही है।
राजस्थान के निम्बाहेड़ा कृषि उपज मंडी में लहसुन की सीधी खरीद पर 91 हजार 101 रुपए प्रति क्विंटल की बोली लगी थी। यह अभी तक की सबसे महंगी बोली थी। ऐसे में किसानों ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में लहसुन के दाम और बढ़ सकते हैं।
क्यों महंगा हो रहा है लहसुन
हर साल सर्दियों में लहसुन की मांग बढ़ जाती है। इसके अलावा लहसुन की बुआई हो जाने के बाद बाजार में पुराने लहसुन की सप्लाई कम हो जाती है।
जब भी किसी चीज की डिमांड ज्यादा होती है और सप्लाई कम होता है तो उसके दाम में इजाफा होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि जब तक बाजार में नए लहसुन नहीं आएंगे तब तक लहसुन की कीमतों में गिरावट नहीं होगी।
प्याज भी हुआ महंगा
प्याज की कीमतों में अभी भी गिरावट नहीं आई है। देश के कई थोक बाजार में प्याज 70 से 8- रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। राजधानी दिल्ली में 8 नवंबर 2024 को प्याज की कीमत करीब 80 रुपये प्रति किलो थी।