दिल्ली। राहुल गांधी के वायनाड लोकसभा सीट को छोड़ने के मामले पर काफी सियासी बयानबाजी हो रही है। बता दें कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। हालांकि, कांग्रेस के फैसले पर भाजपा ने निशाना साधा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है।
वहीं, कांग्रेस के इस फैसले पर सीपीआई नेता एनी राजा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह उनकी (कांग्रेस) पार्टी का निर्णय है और यह उनका (राहुल गांधी) विशेषाधिकार है कि वो किस सीट को चुनें। मैंने उस समय (चुनाव के दौरान) भी कहा था कि राजनीतिक नैतिकता बनाए रखनी चाहिए। बता दें कि एनी राजा वायनाड से राहुल गांधी के खिलाफ प्रत्याशी थीं।
वायनाड की जनता को बताना चाहिए था
एनी राजा ने आगे कहा कि राहुल गांधी को इस निर्णय के बारे में वायनाड की जनता को बताना चाहिए था, जिन्होंने उन्हें भारी मतों से विजयी बनाया। राहुल गांधी को वायनाड की जनता को यह बताना चाहिए था कि वो दूसरे लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने वाले हैं। वायनाड की जनता के साथ यह अन्याय हुआ है।
CPI और कांग्रेस का एक साथ आना समय की मांग
एनी राजा ने आगे कहा, कांग्रेस और सीपीआई ने एक साथ ये फैसला किया है कि फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए हमें एक साथ आना होगा। सांप्रदायिक फासीवादी ताकतों के खिलाफ वामपंथी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों का एक साथ आना समय की मांग है।
जब एनी राजा से पूछा गया कि क्या उपचुनाव में सीपीआई की ओर से वायनाड में उम्मीदवार मैदान में उतारा जाएगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी आई.एन.डी.आई. गठबंधन का हिस्सा हैं, और गठबंधन जो तय करेगी वो होगा।