महाकुंभ नगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार 5 फरवरी को माघ महीने की अष्टमी तिथि पर पुण्य काल में पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। स्नान के बाद वह संगम तट पर ही गंगा पूजा कर देशवासियों की कुशलता की कामना करेंगे।
महाकुंभ शुरू होने के पहले 13 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री ने संगम तट पर गंगा आरती और पूजा कर इस महाआयोजन के सकुशल संपन्न होने की मंगलकामना की थी। वर्ष 2019 के कुंभ के शुरू और बाद में भी वह आए थे।
पीएम मोदी का लगभग एक घंटे का कार्यक्रम प्रस्तावित है। वह बमरौली एयरपोर्ट पर बुधवार सुबह लगभग 10 बजे विशेष वायुयान से पहुंचेंगे। इसके बाद सेना के तीन हेलीकाप्टर से अरैल स्थित डीपीएस मैदान के हेलीपैड पर उतरेंगे, जहां से कार से वीआइपी जेटी जाएंगे। यहां से निषादराज क्रूज से संगम में डुबकी लगाने जाएंगे।
स्नान के बाद करेंगे गंगा पूजा और आरती
इसके बाद गंगा की पूजा व आरती करेंगे। इस दौरान वह अखाड़ों, आचार्यवाड़ा, दंडीवाड़ा व खाकचौक के प्रतिनिधियों से भेंट वार्ता करेंगे। लगभग एक घंटे बाद यहां से वह लौट जाएंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर प्रयागराज से लेकर महाकुंभ मेला क्षेत्र तक तैयारी की जा रही है।
सोमवार को एयर, वाटर फ्लीट रिहर्सल भी हुआ। मंगलवार को रोड फ्लीट रिहर्सल होगा। प्रधानमंत्री की अगवानी के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा ब्रजेश पाठक पहले ही बमरौली एयरपोर्ट जाएंगे।
पिछले कुंभ में पीएम ने पखारे थे स्वच्छता कर्मियों के पांव
बता दें, पिछले कुंभ 2019 में श्रद्धा एवं सद्भाव से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता कर्मियों के पांव पखार कर सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया था। कल्पना में भी ऐसे सम्मान की उम्मीद न करने वाले पांचों कर्मचारी तब नि:शब्द थे, बस नम आंखें ही बोल रहीं थीं।
कुंभ नगरी के गंगा पंडाल के इस नजारे को देखकर अन्य स्वच्छता कर्मियों तथा स्वच्छाग्रहियों की भावनाएं उस समय ऊफान पर थीं तो पीएम मोदी ने भी इसे अपने जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल बताया था।
कुंभ 2019 के शुरू होने पर पीएम मोदी आए थे और उन्होंने किला में लगभग 450 वर्षों से कैद अक्षयवट को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले जाने की घोषणा की थी। कुंभ की समाप्ति पर जब प्रधानमंत्री आए थे तो संगम में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने गंगा पंडाल में स्वच्छता कर्मियों के पांव धुले थे।
तब प्रधानमंत्री के इस नए अवतार को देख हर व्यक्ति हतप्रभ और भावुक हो गया था। एक के बाद एक करके उन्होंने पांच सफाई कर्मियों के पांव पखारे और पोछे भी थे। उस दौरान पंडाल में मौजूद हजारों कर्मचारी लगातार तालियों से इस पल का स्वागत करते रहे थे।