नई दिल्ली। मणिपुर में हालात तनावपूर्ण है। राज्य की स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल सहित कई अधिकारियों की सोमवार को हाई-लेवल मीटिंग हुई थी।
सीएम की बैठक से कई विधायक नदारद
राज्य की स्थिति पर बातचीत करने के लिए मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कल सोमवार को अपने आवास पर एनडीए विधायकों की बैठक बुलाई। दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, 38 में से 11 विधायक बिना कोई कारण बताए बैठक में शामिल नहीं हुए।
इस बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को फिर से लागू करने की आवश्यकता पर केंद्र द्वारा समीक्षा की मांग की गई। इसके अलावा, जिरीबाम हत्याकांड के लिए कथित रूप से जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर एक व्यापक अभियान चलाने की मांग भी की गई।
मैतेई संगठन ने दिया अल्टीमेटम
इसी बीच मैतेई नागरिक समाज संगठनों के एक प्रमुख निकाय ने एनडीए विधायकों की बैठक में पारित प्रस्तावों को खारिज कर दिया। वहीं, मैतेई संगठन ने ने कुकी उग्रवादियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।
मणिपुर में शुरू हुआ हिंसा का नया दौर
बता दें कि पिछले साल से ही मीतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा भड़की गई थी। वही, इस महीने की शुरुआत में जिबरबाम में महिलाओं और बच्चों सहित छह लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद राज्य में हिंसा का नया दौर शुरू हो गया।