पटना। छह वर्षों में यह दूसरा अवसर है, जब राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में हो रही है। आज शनिवार को एक होटल में आहूत बैठक की अध्यक्षता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद करेंगे।
इसमें मुख्यतः सांगठनिक चुनाव के लिए तिथियों का निर्धारण होना है। इसके अलावा तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित करते हुए विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी।
बैठक से पहले चर्चा में तेज प्रताप का पोस्ट
तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के बीच कई बार तकरार देखने को मिली है। अब राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले एक बार फिर तेज प्रताप का पोस्ट चर्चा का विषय बना हुआ है।
दरअसल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर मुहर लगने की चर्चा है, जिससे पहले तेज प्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट किया है। इसमें तेज प्रताप यादव खुद को अगला सीएम बता रहे हैं।
तेज प्रताप ने इसमें लिखा है कि ‘नेतृत्व कोई पद या उपाधि नहीं है, यह कार्य और उदाहरण है। यह पूर्णतावाद के बारे में नहीं है, यह प्रयास के बारे में है।
और जब आप हर दिन वह प्रयास करते हैं, तो परिवर्तन होता है। इस तरह परिवर्तन होता है। अधिक सपने देखें, अधिक सीखें, अधिक करें, और अधिक बनें…’
बैठक में इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
पार्टी की ओर से राजनीतिक और सामाजिक प्रस्ताव भी जारी किए जाएंगे, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नीति व आरक्षण आदि मुद्दे पर पार्टी का रुख स्पष्ट होगा।
इससे पहले 2019 में पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। राजद ने बैठक वाले हाल को लोकनायक जयप्रकाश नारायण सभागार नाम दिया है।
300 से ज्यादा नेता होंगे शामिल
इस बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश अध्यक्षों, स्थायी आमंत्रित सदस्यों, विशेष आमंत्रित सदस्यों, सांसदों व विधायकों सहित लगभग 300 नेता बैठक में सहभागी होंगे। उनमें से अधिसंख्य पटना पहुंच भी चुके हैं। इस बैठक में लालू के अलावा तेजस्वी का संबोधन महत्वपूर्ण होगा।
सांगठनिक चुनाव को लेकर एलान संभव
बैठक में विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों व प्रमुखों की नियुक्ति, संगठन की मजबूती जैसे विषयों पर चर्चा होनी है। बिहार समेत देश के 22 राज्यों में राजद का संगठन है। संभावना है कि उन सभी राज्यों में सांगठनिक चुनाव की तिथियां तय हों।
जून तक चुनाव कराने की संभावना
यह चुनाव जून तक संपन्न करा लिए जाने की चर्चा है। प्रदेश इकाई के गठन से पहले पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर की टीम की घोषणा होनी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को नीतिगत और महत्वपूर्ण मामलों पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया जा सकता है।