नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा NEET का लगातार विरोध करती है। अब एक बार फिर NEET विवाद को लेकर तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को केंद्र सरकार से झटका लगा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नीट से छूट और मेडिकल में प्रवेश के लिए कक्षा 12वीं के अंकों का इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले विधेयक को अस्वीकार कर दिया।
क्या है स्टालिन सरकार की मांग?
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा को राज्य विधानमंडल द्वारा दो बार – 2021 और 2022 में पारित किए गए और तब से केंद्र सरकार के पास लंबित एक विधेयक को अस्वीकार करने की जानकारी दी।
12वीं के अंक के आधार पर मिले एडमिशन
पिछले साल जून में विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें केंद्र सरकार से NEET प्रणाली को खत्म करने और राज्यों को स्कूल के अंकों के आधार पर प्रवेश तय करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था। जिसमें केंद्र सरकार से NEET प्रणाली को खत्म करने और राज्यों को स्कूल के अंकों के आधार पर प्रवेश तय करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था।
21 साल की छात्रा ने की आत्महत्या
NEET की तैयारी कर रही तमिलनाडु की एक 21 साल की छात्रा ने आत्महत्या कर ली, जिससे एक राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।AIADMK नेता व पूर्व CM ए पलानीस्वामी ने राज्य की सत्ताधारी DMK सरकार पर आरोप लगाया कि NEET से जुड़ी मौतों के लिए DMK जिम्मेदार है। उन्होंने मुख्यमंत्री स्टालिन को निशाने पर लिया और कहा कि तमिलनाडु में इन मौतों के लिए DMK के नेता जिम्मेदार हैं।