तरनतारन। लोकसभा हलका खडूर साहिब से पार्टी प्रत्याशी के लिए चिंतन मंथन में लगे शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने अपनी सियासी रणनीति बदलते हुए टकसाली व पंथक कार्ड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
खडूर साहिब सीट से ‘वारिस पंजाब दे’ जत्थेबंदी के मुखी अमृतपाल सिंह को समर्थन देने की तैयारी चल रही है। अगर ऐसा होता है तो खडूर साहिब क्षेत्र के सियासी समीकरण बदल सकते हैं। 1989 में जेल में बंद सिमरनजीत सिंह मान को अकाली दल ने समर्थन दिया था व करीब साढ़े चार लाख मतों से मान विजयी रहे थे।
खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से आम आदमी पार्टी द्वारा कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर को प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने मनजीत सिंह मियांविंड को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस और शिअद अभी एक दूसरे की ओर से घोषित होने वाले प्रत्याशी के इंतजार में हैं।
डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृपाल
बता दें कि अमृतपाल सिंह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पूर्व सांसद राजदीप सिंह खालसा ने उससे डिब्रूगढ़ जेल में मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने अमृतपाल सिंह को आजाद प्रत्याशी उतरने का फैसला लिया है। अमृतपाल के आजाद तौर पर चुनाव मैदान पर उतरने की चर्चा के बाद शिअद ने अपनी रणनीति में बदलाव शुरू कर दिया है।
खडूर साहिब से पहले बिक्रम सिंह मजीठिया, बीबी जागीर कौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर, मनजीत सिंह व विरसा सिंह वल्टोहा के नाम पर लंबा चिंतन मंथन चलता रहा, परंतु अमृतपाल सिंह के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा के बाद अकाली दल द्वारा समर्थन दिया जा सकता है।
अमृतपाल को लेकर सुखबीर से की वार्ता
बता दें कि अमृतपाल सिंह इन दिनों डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अगर उनको अकाली दल समर्थन देता है तो अकाली दल का वोट एक जगह पर टिके रहने की उम्मीद जताई जाती है।
अमृतपाल को चुनाव मैदान में उतारने के लिए कई टकसाली नेता शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से बात कर चुके हैं। क्योंकि यहां ठोस नेता मौजूद नहीं है, इसके लिए अमृतपाल के नाम पर अकाली दल द्वारा स्वीकृति दी जा सकती है।
राणा गुरजीत सिंह हो सकते हैं कांग्रेस उम्मीदवार
अमृतपाल सिंह अगर खडूर साहिब से आजाद तौर पर चुनाव लड़ते हैं तो शिअद उन्हें समर्थन दे सकता है। ऐसे में पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने दोनों टेक कर ली है। राणा गुरजीत सिंह खडूर साहिब से संबंधित लीडरशिप के साथ विचार चर्चा करने में जुटे हैं।
राणा गुरजीत सिंह इससे पहले आनंदपुर साहिब से सीट मांग रहे थे, पर अब उन्होंने अपनी सियासी तवज्जो खडूर साहिब हलके की ओर कर ली है। इन दिनों वे दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। अगर शिअद अमृतपाल को समर्थन देता है तो राणा गुरजीत सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में सामने आ सकते है।