वाराणसी। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने काशी में असि व वरुणा नदियों की दुर्दशा और अतिक्रमण को लेकर सोमवार को सुनवाई के दौरान कड़ी नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी एस. राजलिंगम से कहा कि गंगा को स्वच्छ नहीं कर सकते तो क्यों नहीं बोर्ड लगवा देते कि गंगाजल पीने व नहाने योग्य नहीं है। NGT की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई में जिलाधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।
डीएम से कहा- अपनी शक्तियों का उपयोग करें…
याचिकाकर्ता अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि वरुणा और असि से संबंधित दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। इस दौरान दो सदस्यीय पीठ के न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने जिलाधिकारी से पूछा कि क्या आप गंगा का जल पी सकते हैं। आप लोग अपनी सुविधा के अनुसार काम करते हैं।
आप यह नहीं कह सकते कि शासन की तरफ देखना पड़ता है। आप स्वयं को असहाय न समझें। अपनी शक्तियों का उपयोग करें और NGT के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
जज ने यह टिप्पणी तब की जब जिलाधिकारी ने कहा कि हम शासन के आदेशों के अनुपालन में काम कर रहे हैं। एनजीटी ने सरकार के वकील से भी कहा कि आप ऐसे लोगों का बचाव कर रहे हैं, जिनका बचाव किया ही नहीं जा सकता।
चेयरपर्सन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। सुनवाई में विशेषज्ञ सदस्य डा. ए.सेंथिल वेल भी मौजूद रहे। अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी।
असि व वरुणा नदी में गंदगी और अतिक्रमण को लेकर 21 नवंबर 2021 को NGT के पारित आदेश के अनुपालन के लिए सौरभ तिवारी ने याचिका दाखिल की है, जिस पर सुनवाई चल रही है।