नई दिल्ली। सिखों से जुड़े राहुल गांधी के बयान पर बवाल अभी थम नहीं रहा है। अब केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल गांधी पर जिन्ना जैसी मानसिकता अपनाने का आरोप लगाया। पुरी ने कहा कि राहुल गांधी देश को रक्तरंजित करना चाहता हैं और विभाजनकारी आख्यान को बढ़ावा देना चाहता है।
अमेरिका पहुंचे हरदीप पुरी ने कहा कि राहुल गांधी भारत में रहते हुए कभी सिखों के बारे में बात नहीं की। जब वे सत्ता में थे तो किस सरकार ने राक्षसों को जन्म दिया। उन्हें इस बात पर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। मुझे आश्चर्य नहीं है कि वह ऐसा कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मुहम्मद अली जिन्ना के बारे में यह बात है थी कि मैं जो चाहता हूं, वह करूं या फिर मैं इसे नष्ट कर दूंगा।”
पांच हजार साल पुरानी हमारी सभ्यता
पुरी ने आगे कहा, “कुछ मतभेद हो सकते हैं। मगर लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि बैठकर मुद्दे को सुलझाया जाए। उन्हें देश के लिए RSS के योगदान को देखना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी सरकार की विचारधारा में एक खास बात राष्ट्र प्रथम है। मगर राहुल गांधी जिन्ना की तरह काम कर रहे हैं।
आप इसे एक तरह से तोड़कर रख देना चाहते हैं, लेकिन मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि हमारी 5000 साल से भी ज्यादा पुरानी संस्कृति और सभ्यता इस तरह के लोग इसे तोड़ नहीं पाएंगे और हम एक गौरवशाली राष्ट्र हैं।”
मैंने 62 साल पगड़ी पहनी
हरदीप पुरी ने कहा, “मैंने अपने जीवन के 62 साल पगड़ी पहनी है। मैंने इससे भी लंबे समय तक कड़ा पहना है। मुझे लगता है कि हमारे परिवारों में अधिकांश बच्चे जब पैदा होते हैं तो पहली बार वे कड़ा पहनते हैं। मगर मुझे लगता है कि अधिक परेशान करने वाली प्रवृत्ति यह है कि ये बयान अज्ञानता में दिया गया।
पुरी ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक अधिक व्यवस्थित भयावहता है। मैं इस शब्द का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल कर रहा हूं। यह विभाजनकारी आख्यान को भड़काने का प्रयास है ताकि असुरक्षा और स्वतंत्रता की भावना पैदा करना है।”
सिख दंगों का किया जिक्र
पुरी ने कहा कि आजादी के बाद अगर सिखों के सामने अस्तित्व का खतरा पैदा हुआ तो वह 1984 में हुआ था। मैंने खुद इसका अनुभव किया। निर्दोष लोगों के खिलाफ यह एकतरफा नरसंहार था। इसमें 3000 से अधिक की जान गई थी।
राहुल गांधी ने क्या दिया था बयान?
राहुल गांधी ने अमेरिका के वर्जीनिया में कहा था कि भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी? क्या सिखों को भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी या वे गुरुद्वारा जा सकेंगे?