नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी की शुरुआत आज से हो रही है। ये टूर्नामेंट टीम इंडिया में जगह बनाने की पहली और मुख्य सीढ़ी माना जाता है। BCCI भी रणजी ट्रॉफी को काफी अहमियत देती है।
पिछले साल इस टूर्नामेंट की नजरअंदाजी करने का खामियाजा इशान किशान और श्रेयस अय्यर भुगत चुके हैं। इस बार रणजी ट्रॉफी बदले हुए अंदाज में दिखाई देगी।
आमतौर पर हर सीजन रणजी ट्रॉफी को एक ही फेज में आयोजित कराया जाता था लेकिन इस बार इसका आयोजन अलग तरह से हो रहा है। रणजी ट्रॉफी को इस बार दो फेज में आयोजित कराया जाएगा।
दो फेज में रणजी ट्रॉफी
पहला फेज आज 11 अक्तूबर से शुरू हो रहा है। फिर इसे बीच में रोक दिया जाएगा और टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी,वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी का आयोजिन किया जाएगा। इसके बाद रणजी ट्रॉफी का दूसरा फेज शुरू होगा।
इसके पीछे कई वजह हैं। इसका एक कारण उत्तर भारत का मौसम है। वहीं खिलाड़ियों का वर्कलोड मैनेजमेंट भी इसका एक बड़ा कारण है। तेज गेंदबाजों की फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए ये कदम उठाया गया है।
पहले फेज में हर टीम पांच लीग मैच खेलेगी। ये फेज पांच सप्ताह तक चलेगा जो आज से शुरू होगा और इस फेज का आखिरी लीग मैच 13 नवंबर से शुरू होगा।
फिर सैयाद मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी कराई जाएगी। इसके बाद 23 जनवरी से दूसरा फेज शुरू होगा। ये फेज लगातार चलेगा और 26 फरवरी से फाइनल खेला जाएगा।
कई खिलाड़ियों ने दिया था सुझाव
कई खिलाड़ियों, खासकर तेज गेंदबाजों में रणजी ट्रॉफी को दो फेज में कराने का सुझाव दिया था जिससे वह अपनी रिकवरी को बेहतर कर सकें। रणजी ट्रॉफी के पांच लीग मैचों के बाद गेंदबाजों को अपने शरीर को संभालने का मौका मिलेगा।
वह छोटे फॉर्मेट में कम ओवर कर अपने शरीर को रिकवर कर सकते हैं। रणजी ट्रॉफी के लगातार होने और मैचों के बीच कम गैप होने के कारण तेज गेंदबाजों को रिकवर करने का ज्यादा समय नहीं मिलता था जिससे इंजुरी की संभावना बढ़ जाती थी।
पिछले साल कई खिलाड़ियों ने रणजी ट्रॉफी के मैचों के बीच ज्यादा गैप रखने की बात कही थी और इसी को देखते हुए इस बार दो फेज में रणजी ट्रॉफी का आयोजन किया जाएगा।