देहरादून। उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर एक्शन लेने की तैयारी कर ली है। तीन जिलों में 200 से ज्यादा अवैध मदरसों की पहचान की गई है, जो बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि ऐसे मदरसों की पहचान की जाए।
अब जिला प्रशासन की ओर से एक्शन लिया गया। इन मदरसों की जांच की जा रही है। अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के लिए पुलिस ने भी तैयारी कर ली है। सीएम धामी ने हाल ही में राज्य के हर उस मदरसे की जांच करने के लिए कहा था, जो अवैध तरीके से चलाया जा रहा है।
ऐसे में जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने उन मदरसों के खिलाफ एक्शन लिया और अवैध मदरसों की पहचान की। साथ ही अवैध चल रहे मदरसों को कहां से फंडिंग मिलती है। इसकी भी जांच की जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड के तीन जिलों में ये अवैध मदरसे चल रहे हैं। इनमें उधम सिंह नगर, देहरादून और नैनीताल का नाम शामिल है। सबसे ज्यादा अवैध मदरसे उधम सिंह नगर में चल रहे हैं, जहां पर 129 मदरसे ऐसे हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं।
वहीं देहरादून में ऐसे अनरजिस्टर्ड मदरसों की संख्या 57 है। इसके अलावा नैनीताल में 26 मदरसों को रजिस्टर नहीं कराया गया है। मदरसों की जांच के लिए एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड (UMEB) के प्रमुख मुफ़्ती शमून कासमी ने कहा, ‘लंबे समय से हम अपंजीकृत मदरसों से खुद को पंजीकृत कराने का आग्रह कर रहे हैं।
इन संस्थानों में छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा इस अनुपालन पर निर्भर करती है।’ उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शी तरीके से काम कर रही है और मदरसा संचालकों से मानदंडों का पालन करने का आग्रह किया है।
200 से ज्यादा मदरसों पर एक्शन
उत्तराखंड में बिना पंजीकरण के चल रहे 200 से ज़्यादा मदरसों की पहचान की गई है, जिसके चलते ज़िला अधिकारियों और पुलिस टीमों ने विस्तृत जांच की है।
अवैध मदरसा संचालन से निपटने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद शुरू की गई जांच पंजीकरण की स्थिति, फंडिंग स्रोतों और दूसरे राज्यों से आए छात्रों के बारे में जानकारी पर केंद्रित है।
टीम का किया गठन
बताया जा रहा है कि मदरसों की जांच पर नजर रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों की अध्यक्षता में SSP, SP और कई बड़े पुलिस अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है, जो एक महीने में एक रिपोर्ट राज्य अधिकारियों को भेजेगी।
उधम सिंह नगर के SSP मणिकांत मिश्रा ने मदरसों को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि जिन मदरसों की पहचान की गई है। उनमें बरेलवी और देवबंदी दोनों हैं। ये मदरसे मानदंडों के खिलाफ और अपंजीकृत थे।