प्रयागराज। उप्र लोक सेवा आयोग की आरओ/एआरओ (समीक्षा अधिकारी/अपर समीक्षा अधिकारी) परीक्षा का प्रश्नपत्र भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ। परीक्षा से आठ दिन पहले ही राजीव नयन मिश्र एंड कंपनी ने प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मदद से पेपर बाहर निकलवा लिया था।
आरोपी कर्मचारी के साथ ही कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार एसटीएफ ने रविवार को मामले का पर्दाफाश कर दिया। STF ने 21 अप्रैल को खुलासा किया था कि आरओ/एआरओ परीक्षा का प्रश्नपत्र प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स कॉलेज केंद्र के अलावा एक अन्य जगह से भी लीक कराया गया।
मेरठ जेल में बंद नकल माफिया राजीव नयन मिश्र से पूछताछ में पता चला था कि उसे यह पेपर उसके दोस्त सुभाष प्रकाश निवासी मधुबनी ने पहले ही भेजा था। इसके बाद से ही सुभाष की तलाश की जा रही थी।
एसटीएफ को जांच में पता चला कि परीक्षा का प्रश्नपत्र उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से भोपाल स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छपवाया गया था। यह भी पता चला कि तब सिपाही भर्ती का पेपर आउट कराने वाला मास्टरमाइंड राजीव नयन भी अपने गैंग के कुछ सदस्यों के साथ भोपाल में ही रह रहा था।
जांच में एक-एक कर कुल छह नाम सामने आए, जिन्हें रविवार को सटीक सूचना पर प्रयागराज में कंडीगंज स्थित परेड ग्राउंड से मिंटो पार्क की तरफ जाने वाले मार्ग से गिरफ्तार किया गया। इनमें मधुबनी का सुभाष प्रकाश, प्रयागराज का विशाल दुबे, संदीप पांडेय, गया का अमरजीत शर्मा और बलिया का विवेक उपाध्याय शामिल हैं।
ऐसे लीक कराया पेपर
योजना के मुताबिक, सुनील प्रश्नपत्र की छपाई पर नजर रखने लगा। प्रिंटिंग के दौरान यदि कोई प्रश्नपत्र स्याही आदि के कारण थोड़ा बहुत खराब हो जाता है, तो उसे छांटकर अलग रखा जाता है और बाद में कटर मशीन में नष्ट कर दिया जाता है।
तीन फरवरी को सुनील मशीन की मरम्मत के बहाने मौजूद था और मौका देखकर प्रिंटिंग प्रेस मशीन के एक पार्ट को बाहर ठीक कराने के नाम पर पानी की बोतल लेकर प्रेस से बाहर आ गया। इन्हीं में वह एक प्रश्नपत्र भी छिपाकर बाहर लाया और इस तरह से पेपर लीक कराया गया।
10 लाख रुपये की हुई थी डील
पूछताछ में सुनील ने बताया कि प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए उसकी राजीव नयन एंड कंपनी से 10 लाख की डील हुई थी। उसने प्रश्नपत्र भोपाल में अपने सामने ही पढ़वाए जाने की शर्त भी रखी, ताकि व्यापक रूप से प्रश्नपत्र वायरल न होने जाए।
इस पर राजीव नयन व उसके साथियों ने हामी भी भरी। हालांकि, बाद में सुभाष व विशाल ने इसकी फोटो राजीव नयन के मोबाइल पर भी भेजी जिसके बाद पेपर वायरल हुआ।
नौ फरवरी की रात ही भेज दिया था पेपर
सुभाष प्रकाश का मोबाइल चेक करने पर पता चला कि उसने प्रश्नपत्रों का फोटो खींचकर नौ फरवरी को ही रात 10.31 बजे सामान्य हिंदी का प्रश्नपत्र क्रमांक 4131167 और 10.32 बजे सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र क्रमांक 1398546 अपने गैंग के सदस्यों को व्हाट्सअप पर भेज दिया था। यह दोनों उसी क्रमांक वाले प्रश्नपत्र हैं, जो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे।
साथ में की थी पढ़ाई
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेसकर्मी सुनील की मदद से लीक कराया गया। बताया कि राजीव नयन, सुभाष प्रकाश, विशाल दुबे एवं सुनील अलग-अलग प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। विशाल और सुनील 2014 से 2017 तक साथ पढ़े।
पढ़ाई के बाद सुनील भोपाल में ही स्थित प्रिंटिंग प्रेस में मैकेनिकल इंजीनियर और सुभाष प्रकाश प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में नौकरी करने लगा। विशाल और राजीव नयन प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में इच्छुक छात्रों का एडमिशन कराने का काम करते थे।
इसी सिलसिले में इन दोनों की सुभाष प्रकाश से जान-पहचान एवं दोस्ती हो गई। विशाल को जब पता चला कि उसके साथ का पढ़ा हुआ सुनील प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी करता है तो यह बात उसने राजीव नयन व सुभाष प्रकाश को बताई। दोनों के कहने पर विशाल ने सुनील को रुपयों का लालच देकर पेपर लीक कराने के लिए तैयार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी
1-सुनील रघुवंशी पुत्र रामबाबू रघुवंशी निवासी 39/04 कन्हैया आनन्द नगर अमझीरा थाना बिलखिरिया जनपद भोपाल (मप्र) (प्रिटिंग प्रेस कर्मी)
2-सुभाष प्रकाश पुत्र योगेन्द्र पंडित निवासी बैरा जयनगर थाना जयनगर जनपद मधुबनी (बिहार)
3-विशाल दूबे पुत्र अरूण कुमार दूबे निवासी ऊॅचडीह बाजार थाना मेंजा जनपद प्रयागराज।
4-संदीप पाण्डेय पुत्र हरिशंकर पाण्डेय निवासी पनासा थाना करछना जनपद प्रयागराज।
5-अमरजीत शर्मा पुत्र बलेश्वर शर्मा निवासी कस्बा व थाना फतेहपुर जनपद गया (बिहार)
6-विवेक उपाध्याय पुत्र स्व0 रामायण उपाध्याय निवासी सोनबरसा थाना बैरिया जनपद बलिया।