श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में तीसरे दिन भी लगातार हंगामा जारी है। आर्टिकल 370 पर एक बार फिर से संग्राम छिड़ गया है। विधानसभा में हालात बद से बदतर हो गए हैं सभी विधायक छक्का-मुक्की और मारपीट पर उतर आए हैं। इस बीच भाजपा विधायक ने सदन में नारेबाजी शुरू की और कहा कि राष्ट्रीय विरोधी झंडा नहीं चलेगा।
बीजेपी नेता बोले- सारे का सारा कश्मीर हमारा है
वहीं, बीजेपी नेता सुनील शर्मा ने नारा दिया ‘जहां बलिदान हुए मुखर्जी वह कश्मीर हमारा है, जो कश्मीर हमारा है वह सारे का सारा है’। स्पीकर ने कहा कि नारेबाजी कर रहे भाजपा विधायकों की ना कोई बातचीत रिकॉर्ड की जाए ना उसको कहीं रिपोर्ट किया जाए।
वहीं, इंजीनियर रशीद के भाई और आवामी इतिहाद पार्टी के विधायक शेख खुर्शीद अहमद को मार्शलों ने सदन से बाहर निकाला गया है। विशेष दर्जे पर प्रस्ताव के विरोध में भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। विधानसभा में पीडीपी के खिलाफ नारे लगे।
नया प्रस्ताव पेश किया
इससे पहले गुरुवार को भी विधानसभा में काफी हंगामा देखने को मिला था। विधायकों के बीच हाथापाई देखने को मिली थी। PDP और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) सहित विधायकों के एक समूह ने वीरवार को विधानसभा में एक नया प्रस्ताव पेश किया। इसमें अनुच्छेद 370 और 35ए को उनके मूल स्वरूप में तत्काल बहाल करने की मांग की गई।
यह प्रस्ताव विधानसभा में नेकां द्वारा लाए गए एक प्रस्ताव को पारित करने के एक दिन बाद आया है। वीरवार को सदन में हंगामे के बीच अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर को नया प्रस्ताव सौंपा गया।
प्रस्ताव पीडीपी सदस्यों वहीद पारा (विधायक पुलवामा) और फैयाज़ मीर (विधायक कुपवाड़ा), हंदवाड़ा से पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के विधायक सज्जाद लोन, लंगेट से अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक शेख खुर्शीद और शोपियां से निर्दलीय विधायक शबीर कुल्ले द्वारा प्रस्तुत किया गया।
प्रस्ताव में कहा है कि यह सदन केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अधिनियम के साथ अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के असांविधानिक और एकतरफा निरस्तीकरण की कड़ी निंदा करता है।
इन कार्रवाइयों ने जम्मू और कश्मीर से उसका विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया। इससे संविधान द्वारा इस क्षेत्र और इसके लोगों को मूल रूप से दी गई मूलभूत गारंटी और सुरक्षा कमजोर हो गई।
वहीं, विधानसभा ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया है। घाटी के राजनीतिक दलों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, जबकि मुख्य विपक्षी भाजपा ने इसका विरोध किया।