संभल। राज्य पुरातत्व निदेशालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की संयुक्त टीम ने गुरुवार को भद्रेश्वर तीर्थ और दो प्राचीन कूपों का जायजा लेकर उनके नमूने लिए। विभिन्न पुस्तकों में संभल में 68 तीर्थ और 19 कूप होने का उल्लेख मिलता है। यह सभी हिंदुओं की आस्था का प्रतीक हैं। इनमें कई तीर्थ और कूप विलुप्त हो चुके हैं तो कुछ ASI के अधीन हैं।
जिला प्रशासन ने सभी ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने का निर्णय लिया है। पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी की सफाई भी जल्द शुरू की जानी है। चंदौसी में बावड़ी की खोदाई छठे दिन भी जारी रही।
वहीं, स्थानीय लोगों के आग्रह पर नगरपालिका परिषद ने सरथल पुलिस चौकी के पास मृत्यु कूप (मृत्युंजय कूप) की खोदाई कराई। खग्गू सराय में 46 साल से बंद मंदिर मिलने के बाद डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित कराने की योजना तैयार करने का निर्णय लिया है। पांच कूपों की खोदाई की जा रही है।
डीएम ने राज्य पुरातत्व निदेशालय और ASI से ऐतिहासिक स्थलों की प्राचीनता के बारे में रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। इसके लिए 19 दिसंबर को एएसआई और 20 व 21 दिसंबर को निदेशालय की टीम दौरा कर चुकी है। अब 25 दिसंबर से दोनों की संयुक्त टीम सक्रिय है।
चार सदस्यीय इस टीम में दो विशेषज्ञ ASI के हैं। हौज भदेसराय तालाब में कुछ दिन पहले कुछ दीवार सी दिखाई दी। इसका पानी निकाला गया, तो प्राचीन दीवार निकली। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह भद्रेश्वर तीर्थ की दीवार है।
वहीं, गुरुवार को संयुक्त टीम भी हौज भदेसराय पहुंची। टीम ने तीर्थ की दीवारों का गहराई से अध्ययन किया और संरचना की मजबूती को आंकने के लिए नाप-जोख की। इसके अलावा दीवार से नमूने भी एकत्रित किए गए।
इसके बाद टीम आलम सराय स्थित प्राचीन चतुर्मुख कूप पहुंची। टीम ने कूप की संरचना, उसके निर्माण में उपयोग की गई सामग्री और उसकी स्थिति का आकलन किया। इसके अलावा हल्लू सराय में अशोक कूप का भी जायजा लिया गया।
इधर, पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी के पास चोर कुएं के बराबर एक टीले की भी खोदाई कराई गई। बताया गया था कि वहां कुआं हैं। लेकिन, काफी खोदाई करने के बाद कुआं नहीं मिलने पर काम रोक दिया गया।
डीएम ने बताया कि पृथ्वीराज चौहान का संभल से जुड़ाव रहा है। उनसे जुड़े सभी स्मारकों का भी जीर्णोद्वार कराया जाएगा। जिला प्रशासन की चेतावनी के बाद फिरोजपुर स्थित किले के आसपास लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया है।
वर्षो से बंद मृत्यु कूप की पालिका ने कराई खोदाई
19 कूपों में शामिल मृत्यु कूप मिट्टी से दबा हुआ था। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी डा. मणिभूषण तिवारी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करना है।
पुराने कुओं को सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं माना जा रहा, बल्कि उन्हें पुनः उपयोगी बनाने की योजना भी तैयार की जा रही है। दावा है कि यहां स्नान करके भगवान शिव का पूजन करने से सर्व सिद्धियां मिलती हैं।