मुंबई। हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले दिग्गज नेता संजय निरुपम ने कोविड के दौरान हुए खिचड़ी घोटाले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं पर घोटाले का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, आज 8 अप्रैल है और उत्तर-पश्चिम मुंबई से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर ‘खिचड़ी चोर’ को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। पूछताछ के बाद ईडी क्या करती है, मुझे नहीं पता, लेकिन उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उत्तर-पश्चिम जिले के सभी लोगों को पता होना चाहिए कि उनका संभावित उम्मीदवार कितना बेईमान है। जब मैंने इस घोटाले पर काम करना शुरू किया तो मुझे पता चला कि इस घोटाले का ‘किंगपिन’ कोई और है।
मुझे दुख है कि मैं अपने मित्र के बारे में कुछ कहने जा रहा हूं… लेकिन जो सच है वो कहना पड़ेगा। मुझे इस बात का भी दुख है कि राजकारण में कभी भी परिवार को नहीं घसीटना चाहिए, लेकिन जिस प्रकार से घोटाला हुआ है मुझे मित्र के परिवार का जिक्र करना पड़ रहा है। इसका मुझे सुख नहीं है।
इस पूरे खिचड़ी घोटाले के सूत्रधार शिव सेना (यूबीटी) प्रवक्ता संजय राउत हैं… इस घोटाले में उन्होंने अपनी बेटी, भाई और पार्टनर के नाम पर पैसे लिए हैं… उन्होंने इस नाम पर चेक के जरिए रिश्वत ली है। उनकी बेटी विधिता संजय राउत की, जो खुद मासूम है और इन बातों से अनजान है।
संजय निरुपम ने आगे कहा, एक कंपनी है सहयाद्री रिफ्रेशमेंट, जिसमें राजीव सालुंखे और सुजीत पाटकर हैं जो संजय राउत के पार्टनर माने जाते थे, उस कंपनी को 6 करोड़ 37 लाख रुपये खिचड़ी सप्लाई करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था कोविड के जमाने में और इस कंपनी से संजय राउत के परिवार और मित्रों ने दलाली के रूप में एक करोड़ रुपये लिए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि संजय राउत की बेटी विधिता राउत मेरी भी बेटी की तरह है, जिसे इस बारे में मालूम भी नहीं होगा। निरुपम ने अपने हाथ में रखे दस्तावेज पढ़ते हुए कई आंकड़े सामने रखे।