नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई की। तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा कि पूरे देश में बिल्डर खरीदारों को धोखा दे रही हैं। यही वजह है कि अब पूरे देश में बिल्डर-खरीदार समझौते में एकरूपता लाने की जरूरत है। मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
तीन जजों की पीठ ने की सुनवाई
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने एक समान बिल्डर-खरीदार समझौते को बनाने के लिए एक जनहित याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को सुनवाई की।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि खरीदारों को पूरे भारत में बिल्डर धोखा दे रहे हैं। इसलिए अब समझौते में एकरूपता लाने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा कि हमें एमिकस रिपोर्ट देखनी होगी। इसके अलावा CREDAI की आपत्तियों को भी देखेंगे। इसे सभी राज्यों को लागू करने की जरूरत है।