नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत बढ़ाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले आप (सेंगर) आत्मसमर्पण करें, उसके बाद ताजा आवेदन पर विचार किया जाएगा।
सेंगर ने चिकित्सा आधार पर 20 दिसंबर को दी गई अंतरिम जमानत को बढ़ाने की मांग को लेकर आवेदन दायर किया था। सेंगर ने कहा था कि 24 जनवरी को उनका मोतियाबिंद का ऑपरेशन होना है। गौरतलब है कि सेंगर को नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में उन्नाव ट्रायल कोर्ट दोषी करार दे चुकी है।
बता दें कि पूर्व विधायक चिकित्सा आधार पर 20 जनवरी तक अंतरिम जमानत पर है। सेंगर ने अदालत से आग्रह किया था कि 24 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में होने वाली मोतियाबिंद की सर्जरी के कारण उसकी जमानत की अवधि बढ़ा दी जाए।
सेंगर की सजा लगभग पूरी
कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि धारा 304 भाग (दो) (गैर इरादतन हत्या) के तहत अपराध के लिए 10 साल की कैद के अलावा निचली अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अन्य अपराधों के लिए एक महीने से लेकर सात साल तक की सजा सुनाई है, जिसे उसने पूरा कर लिया है।
मामले को 17 जनवरी के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कुलदीप सिंह सेंगर के वकील से कुछ आदेश रिकॉर्ड पर रखने और सीबीआई से सेंगर के मेडिकल रिकॉर्ड की पुष्टि करने को भी कहा था।